भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान कांग्रेस और बीजेपी में खिंची सियासी लड़ाई अब दिल्ली पहुंच गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की अगुवाई में बीजेपी विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उनको विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव में मान्य प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने को लेकर एक ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही करने का अनुरोध किया।
राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बताया कि विधानसभा के पहले सत्र के दौरान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान संसदीय नियमों का पालन नहीं किया गया।
गोपाल भार्गव ने कहा कि कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए चार प्रस्ताव में एनपी प्रजापति का नाम प्रस्तावित किया गया, वहीं भाजपा की ओर से विजय शाह का नाम प्रस्तावित किया गया।
ठीक इसी प्रकार उपाध्यक्ष के निर्वाचन में सत्ता पक्ष की ओर से हिना कांवरे का नाम चार सदस्यों द्वारा प्रस्तावित किया गया और प्रतिपक्ष की ओर से जगदीश देवड़ा का नाम प्रस्तावित किया गया था, लेकिन अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के निर्वाचन में प्रतिपक्ष की ओर से प्रस्तावित नाम नहीं लिया गया।
जब निर्वाचन प्रकिया के दौरान प्रतिपक्ष द्वारा व्यवस्था के प्रश्न के माध्यम से प्रोटेम स्पीकर एवं विधानसभा अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित भी किया गया, लेकिन प्वाइंट ऑफ ऑर्डर को न सुनकर अवैधानिक तरीके से चुनाव कराया गया।