मुंबई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने की घटना में 3 नवजात शिशुओं की जलने से वहीं 7 शिशुओं की दम घुटने से मौत हो गई। साथ ही उन्होंने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
चिकित्सकों ने बताया कि शुक्रवार देर रात अस्पताल की विशेष नवजात सघन देखरेख इकाई में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। इस इकाई में कुल 17 नवजात थे जिनमें से 7 को बचा लिया गया है।
टोपे ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'प्रारंभिक सूचनाओं से पता चला है कि भंडारा जिला अस्पताल में तीन नवजात शिशुओं की आग में जलने से वहीं सात शिशुओं की धुएं में दम घुटने से मौत हो गई।'
मंत्री ने कहा, 'ड्यूटी पर मौजूद चिकित्साकर्मियों ने नवजात सघन देखरेख इकाई की खिड़कियां और दरवाजे खोल दिए और शिशुओं को साथ लगे वार्डों में स्थानांतरित किया। लेकिन वे 10 शिशुओं की जाने नहीं बचा सके।'
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुझे मृत शिशुओं के परिजन को 5-5 लाख रुपए आवंटित करने की जानकारी दी है। बच्चों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके घर भेज दिया गया है।
घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और मामले की पूरी तरह जांच के आदेश दिए गए हैं। इस दुखद घटना से सबक लेकर हम आगे ऐसी घटनाओं को होने से रोकेंगे।