मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के कारण इस साल रद्द की गई राज्य बोर्ड की परीक्षाओं के बाद 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अंकों के आवंटन की नीति की घोषणा की है। राज्य स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि किसी विद्यार्थी के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए 11वीं और 12वीं कक्षाओं की आंतरिक परीक्षाओं में कॉलेज आधारित मूल्यांकन में उसके अंक और 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में 3 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले विषयों के औसत को माना जाएगा।
गायकवाड़ ने एक बयान में कहा कि विभिन्न हितधारकों से कई चरण के विचार-विमर्श के बाद हमने आकलन के तरीके को अंतिम रूप दिया है और 12वीं कक्षा के उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों के लिए अंकों की गणना के लिए नीति बनाई है। वैश्विक महामारी की स्थिति को देखते हुए, राज्य बोर्ड को सभी विद्यार्थियों को उत्तीर्ण करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के प्रदर्शन की सही एवं निष्पक्ष झलक के लिए 12वीं और 11वीं कक्षाओं में कॉलेज आधारित मूल्यांकन में उसके अंकों और 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 3 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले विषयों के प्राप्तांकों पर विचार किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि थ्योरी (सिद्धांत) वाले हिस्से के लिए 12वीं कक्षा के एक या उससे अधिक (यूनिट टेस्ट/ पहले सेमेस्टर की परीक्षा/ अभ्यास परीक्षा) के थ्योरी प्रश्नपत्रों को 40 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा जबकि 11वीं कक्षा की अंतिम परीक्षा और 3सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले 10वीं कक्षा के थ्योरी पेपरों के औसत अंकों का वेटेज 30-30 प्रतिशत होगा।
गायकवाड़ ने कहा कि समग्र मूल्यांकन थ्योरी प्रश्नपत्रों और मौखिक/ व्यावहारिक/ आंतरिक मूल्यांकन में छात्रों के प्रदर्शन का माप होगा। मौखिक/ व्यावहारिक/ आंतरिक मूल्यांकन के अंक बोर्ड की प्रचलित नीति के मुताबिक वास्तविक आधार होंगे। उन्होंने कहा कि बेशक यह तदर्थ व्यवस्था होगी लेकिन यह विश्वसनीय आंकड़ा बिंदुओं का इस्तेमाल करते हुए निरंतर मूल्यांकन के भावना को बरकरार रखने का प्रयास है। यह कोविड से पहले के समय के दौरान किए जाने वाले आकलन के आधार पर कक्षा 10वीं, 11वीं कक्षा के अंकों की गणना के जरिए 'सामान्य समय' की कुछ झलक भी प्रदान करता है।(भाषा)