बर्दवान (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को यह दलील देते हुए केंद्र से 'अग्निपथ योजना' के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाकर 65 साल करने की अपील की कि उनकी नजरें 4 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद अपने अनिश्चित भविष्य पर रहेंगी।
बनर्जी ने यह भी कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सेना में अल्पकालिक भर्ती की यह नई योजना शुरू की है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि मेरा उद्देश्य भाजपा के विपरीत अधिक से अधिक नौकरियां सृजित करना है। वे लोगों को 4 महीने का प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें 4 साल के लिए भर्ती कर रहे हैं। ये सैनिक 4 साल के बाद क्या करेंगे? उनका भविष्य क्या होगा? यह अनिश्चित है।
उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि (अग्निपथ योजना के तहत) सेवानिवृति की आयु सीमा बढ़ाकर 65 साल की जाए। इस योजना के तहत साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के युवाओं को केवल 4 साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाएगा। कुल भर्ती युवाओं में से महज 25 फीसदी को 15 साल से अधिक समय तक नियमित रूप से सशस्त्र बलों में रखा जाएगा। 2022 के लिए भर्ती की ऊपरी उम्र सीमा बढ़ाकर 23 साल की गई है। बनर्जी ने पहले दावा किया था कि भाजपा अपना 'सशस्त्र काडर आधार' बनाने के लिए इस योजना का इस्तेमाल कर रही है।(भाषा)