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असम की मस्जिद बनी मिसाल, यहां बाइबल और वेद पढ़ते हैं लोग

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सांकेतिक फोटो

क्‍या मस्जिद के अंदर भी बाइबल और वेद पढ़े जा सकते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन जी हां, यह सच है। यहां बात हो रही है असम के काचर जिले में स्थित जामा मस्जिद की। जहां सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल देखने को मिलती है।


खबरों के मुताबिक, असम के काचर जिले में स्थित जामा मस्जिद के अंदर स्‍थानीय लोगों की मदद से वर्ष 2012 में लाइब्रेरी और पढ़ने का कमरा बनाया गया। इस मस्जिद के दूसरे फ्लोर पर एक दर्जन अलमारियां हैं। इसमें हिंदू, ईसाई और इस्‍लाम धर्म पर 300 किताबें हैं। ये सभी पुस्‍तकें बांग्‍ला भाषा में हैं। मस्जिद के अंदर पढ़ने के लिए कमरा और लाइब्रेरी बहुत दुर्लभ है, लेकिन यहां ये दोनों ही चीजें उपलब्‍ध हैं।

इस लाइब्रेरी के अंदर कुरान, इस्‍लाम धर्म पर आधारित अन्‍य पुस्‍तकों के अलावा ईसाई दर्शन, वेद, उपनिषद, रामकृष्‍ण परमहंस तथा विवेकानंद का जीवन परिचय और रविंद्रनाथ टैगोर तथा सरत चंद्र चट्टोपाध्‍याय के उपन्‍यास मौजूद हैं। इस लाइब्रेरी में हरेक आयु वर्ग और धर्म के लोग आते हैं।

मस्जिद के सचिव सबीर अहमद चौधरी ने बताया कि इसका उद्देश्‍य लोगों को अन्‍य धर्मों और दर्शन के बारे में शिक्षित करना है। वर्ष 1948 में इस मस्जिद के निर्माण के समय ही मैं इसके अंदर लाइब्रेरी बनाना चाहता था। उनका मानना है कि भारत एक प्राचीन देश है, लेकिन यहां के अलग-अलग धर्म के लोग एक-दूसरे के बारे में नहीं जानते हैं। हम इस बात से बेहद खुश होंगे कि लाइब्रेरी इस दिशा में थोड़ी भी भूमिका निभा सके। चौधरी सोनाई स्थित एमसीडी कॉलेज में अंग्रेजी के विभागाध्‍यक्ष हैं।

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