सहारनपुर। मंगलवार को उत्तरप्रदेश का सहारनपुर फिर जातीय हिंसा की लपटों में घिरकर धधक उठा। शब्बीरपुर में मायावती का कार्यक्रम शुरू होने से पहले और फिर खत्म होने के बाद बड़गांव थाना क्षेत्र जातीय हिंसा की चपेट में आ गया। उपद्रवी युवाओं ने ठाकुरों के घरों व गलियों में पथराव किया और फिर बिटोरों व घरों में आग लगा दी। महिलाओं से दुष्कर्म का भी प्रयास किया।
मायावती के जाने के बाद प्रतिशोध में नकाबपोश युवकों ने 2 स्थानों पर डेढ़ दर्जन से अधिक दलितों पर तलवार से ताबड़तोड़ हमले किए। गोली मारकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी। देर शाम बसपाइयों ने भी जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जमकर तोड़फोड़ व हंगामा किया।
पुलिस के अनुसार मंगलवार को गांव शब्बीरपुर में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के आने से जोश में आए भीम आर्मी से जुड़े दलित युवकों ने ठाकुरों के 5 घरों पर पथराव कर बिटोरों में आग लगा दी। गलियों में भी जमकर पथराव किया।
डीएम एनपी सिंह व एसएसपी सुभाष चंद दुबे मौके पर पहुंचकर पीडि़तों से बात कर रहे थे कि तभी ठाकुरों के 5 घरों में आगजनी की सूचना मिली, हालांकि दमकल ने तुरंत काबू पा लिया। यहां महिलाओं ने डीएम-एसएसपी को घेरकर शिकायत की कि भीम आर्मी के लोगों ने दुष्कर्म का भी प्रयास किया। दलित युवकों की इस अराजकता ने आग में घी डालने का काम किया।
मायावती के रवाना होने के बाद सभा से लौट रहे बसपाई निशाना बनाए गए। शब्बीरपुर के पास के गांव चंदपुरा में नकाबपोश युवकों ने गांव सुवाहेड़ी लौट रही बसपा का झंडा लगी बुलेरो कार को रोककर फूल सिंह समेत 4 लोगों को तलवार से लहूलुहान कर दिया जबकि अकबर को गोली मार दी। उधर, हलालपुर गांव के पास भी गाड़ी रोककर गांव सुवाहेड़ी के आशीष व सचिन को गोली मारी गई जबकि नरसिंह समेत 8 लोगों पर तलवार से हमला किया गया।
पुलिस सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नानौता लाई। यहां पर आशीष मृत घोषित कर दिया गया बाकी सभी जिला अस्पताल भेजे गए। वहां से अकबर को हायर सेंटर रेफर किया गया। बसपाइयों पर हमलों का पता चलते ही हथियारबंद दलित घटनास्थल की ओर दौड़े, लेकिन पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया। अफवाह फैली तो आसपास के कई गांव में दलित व ठाकुर आमने-सामने आ गए।
बड़गांव में लोगों ने वाहनों को रोककर राहगीरों से मारपीट की। उधर देर रात सहारनपुर शहर में जगह-जगह दलितों का जमावड़ा होने से दहशत का माहौल है।
उधर डीआइजी, सहारनपुर जेके शाही ने कहा कि फिलहाल कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। 10 लोग हिरासत में हैं। हालात काबू में हैं। उपद्रवियों पर रासुका लगाएंगे। हमलों में एक युवक की मौत हुई है जबकि डेढ़ दर्जन घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
महाराणा प्रताप जयंती समारोह को लेकर गत 5 मई को गांव शब्बीरपुर में दलित व राजपूतों के बीच संघर्ष हुआ था। तब दलितों के करीब 57 घरों में आगजनी हुई। एक दर्जन से अधिक लोग हमले में घायल हुए थे, जबकि राजपूत पक्ष के युवक सुमीत की मौत हो गई थी।