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जम्मू के 5 जिलों में फिर बंद हुआ Internet, कश्मीर में उम्मीद खत्म हुई

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सुरेश डुग्गर

, रविवार, 18 अगस्त 2019 (18:24 IST)
जम्मू। आज रविवार सुबह एक बार फिर से जम्मू में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। धारा 370 के हटने के बाद से ही जम्मू के कई जिलों में कर्फ्यू के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं लेकिन शुक्रवार को थोड़ी रियायत देते हुए जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया था जिसे आज रविवार सुबह अचानक फिर से सरकार ने इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है।
 
जम्मू में इंटरनेट को 24 घंटों के भीतर ही फिर से बंद कर दिए जाने के बाद कश्मीर में मोबाइल सेवा तथा इंटरनेट आरंभ होने की उम्मीद खत्म हो गई है जबकि अधिकारी सोमवार को कश्मीर के हालात को थामने की तैयारी में जुटे हैं, जब कश्मीर के कुछ जिलों में स्कूलों को खोलने की तैयारी हो रही है।
 
धारा 370 हटाए जाने के बाद से संगीनों के साए में ब्लैकआउट से जूझ रही कश्मीर वादी में करीब 50 हजार लैंडलाइन फोन चालू करने का दावा किया जा रहा है, पर उनमें से आधे खराब हालत में हैं और उनको ठीक करने वाला कोई नहीं है। जम्मू-कश्मीर में कुल 1.25 लाख लैंडलाइन फोन हैं जबकि मोबाइल कनेक्शनों की संख्या 1.25 करोड़ के लगभग है।
 
ब्लैकआउट के बीच सरकार सोमवार से करीब 200 स्कूलों को खोलने जा रही है। पर बच्चों के अभिभावकों की परेशानी यह है कि संगीनों के साए, अघोषित कर्फ्यू के बीच और संचार माध्यमों के ब्लैकआउट से जूझ रही कश्मीर वादी में वे अपने बच्चों को कैसे स्कूल भेजें? केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधान हटाने के बाद 5 अगस्त से ही यहां मोबाइल फोन और लैंडलाइन सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।
 
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा था कि आतंकी संगठनों द्वारा मोबाइल कनेक्टिविटी का इस्तेमाल कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के खतरे को ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे दूरसंचार सेवाएं बहाल की जाएंगी। एहतियाती नजरबंदी की लगातार समीक्षा की जा रही है और कानून-व्यवस्था की स्थिति के आकलन के आधार पर उचित निर्णय लिए जाएंगे।
 
उन्होंने बताया कि पिछले 1 पखवाड़े में लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए सीमापार के आतंकवाद को रोकने के लिए सरकार को एहतियाती तौर पर कुछ सुरक्षात्मक कदम उठाने की आवश्यकता थी। आतंकी संगठनों के निकट भविष्य में राज्य में हमला करने की योजना बनाने की विश्वसनीय जानकारी के आधार पर ये कदम उठाए गए थे और कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांति भंग न हो, यह ध्यान रखते हुए कानून के प्रावधानों के तहत कुछ लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है। पहले भी हिंसात्मक घटनाओं के बाद ऐसे कदम उठाए गए हैं।
 
इस बीच जम्मू क्षेत्र के 5 जिलों में कम गति की (2जी) मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी शुक्रवार देर रात को बहाल कर दी गई थीं जिसे अब फिर से बंद कर दिया गया है।

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