गुजरात के मोरबी में बड़ा हादसा हो गया। पुल टूटने से 400 से ज्यादा लोग नदी में गिर गए। 4 दिन पहले ही पुल की मरम्मत की गई थी। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। खबरों के मुताबिक हादसे के समय पुल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से बात की है। मुख्यमंत्री पटेल ने अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी के निर्देश दिए हैं। घटनास्थल पर मौजूद गुजरात के पंचायत मंत्री बृजेश मेरजा ने कहा कि घटना में 60 लोगों की मृत्यु हुई है। बचाव कार्य जारी है। अपुष्ट जानकारी के मुताबिक मृतकों की संख्या 80 बताई जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोरबी में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूं। गुजरात के गृह राज्य मंत्री व अन्य अधिकारियों से बात की। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुंच रही है। घायलों के तुरंत उपचार के निर्देश दिए हैं।
काफी पुराना है पुल : मच्छु नदी पर बने इस पुल का इतिहास काफी पुराना है। उत्तराखंड में गंगा नदी पर बने राम और लक्ष्मण झूला की तरह यह भी संस्पेंशन वाला पुल है। इस कारण से उस पर चलने से वे ऊपर-नीचे की ओर हिलते हैं। मोरबी पुल भी इसी तरह का बना हुआ था। इस कारण से वहां बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते थे। रविवार शाम को जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय भी पुल पर लगभग 400-500 लोग मौजूद थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी का भार पुल सहन नहीं कर सका और बीच से टूटकर नदी में समा गया। इसमें पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे पर मुआवजे का ऐलान किया गया है। प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक के परिजनों 2 लाख और घायलों को 50-50 हजार के मुआवजे की घोषणा की गई।
मीडिया खबरों के मुताबिक केबल ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। इसी महीने दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को आम लोगों के लिए खोला गया था।
हादसे के बाद आरोप-प्रत्यारोप : हादसे के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाए हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा कि पुल हादसे ने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है, वहीं कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में पुल को खोला गया है।