अमरावती। आंध्र प्रदेश में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल के पहले 10 महीनों में 5800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। जनवरी से अक्टूबर 2022 के बीच राज्यभर में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों की संख्या 6.56 प्रतिशत बढ़कर 5831 पर पहुंच गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 5472 थी।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि दुर्घटनाओं की संख्या में 9.95 प्रतिशत, जबकि घायलों की संख्या में 11.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़े बताते हैं कि इस साल के पहले दस महीनों में राज्य के 26 जिलों में 14,314 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 5,831 लोग मारे गए और 15,585 घायल हो गए।
आंध्र प्रदेश सड़क सुरक्षा परिषद ने एक सहिष्णु सीमा निर्धारित की है, जिसका उद्देश्य मौतों की संख्या में 15 प्रतिशत कमी करना था, लेकिन वास्तविक संख्या में 25.37 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। सड़क सुरक्षा परिषद (आरएससी) के एक वरिष्ठ सदस्य के अनुसार, जहां 'तेज-रफ्तार' सड़क हादसों की मुख्य वजह रही है, जबकि राज्य भर में सड़कों की दयनीय स्थिति अब चिंता का एक और कारण बनकर उभरी है।
उन्होंने कहा, हल्के मोटर वाहनों के अलावा, लॉरी और राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें भी बड़े पैमाने पर दुर्घटनाओं में शामिल हैं। दोपहिया वाहन दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। वर्ष 2021 में आंध्र प्रदेश में कुल 19,729 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 8,053 लोग मारे गए और 21,169 घायल हुए, जो 2020 में हुई दुर्घटनाओं की तुलना में 10.16 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में मृत्यु दर में 14.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
'कोविड वर्ष' होने के बावजूद, राज्य में 2020 में हुई 17,910 दुर्घटनाओं में 7,059 मौतें हुईं, जबकि 19,612 लोग जख्मी हुए।भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राज्यभर में चलने वाले विभिन्न राजमार्गों पर 350 से अधिक 'ब्लैक स्पॉट' की पहचान की और उन्हें ठीक किया।
भारतीय पुलिस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने 1200 से अधिक ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना की दृष्टि से खतरनाक स्थल) चिह्नित किए, लेकिन उनमें से आधे को भी सही नहीं किया गया।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour