मुंबई। निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा गुरुवार को मुंबई की जेल से रिहा हो गए। राजद्रोह के कथित मामले में गिरफ्तारी के 1 सप्ताह से अधिक समय बाद राणा दंपति को एक अदालत ने बुधवार को जमानत दी थी।
बुधवार को जमानत मिलने के बाद जरूरी दस्तावेज समय पर उस जेल तक नहीं पहुंचाया जा सका, जहां उन्हें रखा गया था। एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को महाराष्ट्र के अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा दक्षिण मुंबई की भायखला महिला जेल से दोपहर करीब 2 बजे बाहर निकलीं। जेल से रिहा होने के बाद वे पुलिस की सुरक्षा में उपनगरीय बांद्रा के लिए रवाना हो गईं। अधिकारी ने कहा कि बीमारी के इलाज के लिए नवनीत को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
सांसद के पति और अमरावती के बडनेरा से विधायक रवि राणा को भी अपराह्न करीब 4 बजे नवी मुंबई की तलोजा जेल से रिहा कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि जेल की जमानत पेटी दोपहर 3.30 बजे खुली जिसके बाद उनकी रिहाई की औपचारिकताएं पूरी की गईं। उन्होंने कहा कि तलोजा जेल के बाहर भारी सुरक्षा तैनात की गई। राणा दंपति को 23 अप्रैल को खार पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 (ए) (राजद्रोह) और 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
दंपति ने घोषणा की थी कि वे यहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। उनकी घोषणा के बाद ठाकरे की पार्टी शिवसेना के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए जिससे तनाव पैदा हो गया। बाद में राणा दंपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगले दिन शहर के दौरे का हवाला देते हुए अपनी योजना से पीछे हटने की घोषणा की।
हालांकि पुलिस ने राणा दंपति पर राजद्रोह और 'विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने' सहित अन्य आरोपों के लिए मामला दर्ज किया। सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत ने बुधवार को राणा दंपति को विभिन्न शर्तों के साथ जमानत दे दी।