नई दिल्ली। मुंबई की सेशंस कोर्ट ने बुधवार को अमरावती सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जमानत पर रिहा कर दिया। दोनों शाम तक जेल से रिहा हो सकते हैं।
अदालत ने राणा दंपती को हिदायत देते हुए कहा कि आगे से इस तरह का कोई अपराध ना करें। उन्हें मीडिया से बात नहीं करने की शर्त पर जमानत दी गई है। राणा दंपती को 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी गई है।
आज सुबह ही नवनीत राणा की जेल में तबीयत भी बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उल्लेखनीय है कि हनुमान चालीसा विवाद में 23 अप्रैल से नवनीत राणा और उनके पति जेल में हैं। राणा दंपती पर आईपीसी की धारा 15 ए, 353 के साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत एफआईआर दर्ज है। इसके अलावा उन पर 124 ए यानी राजद्रोह की भी धारा लगाई गई है।
वकील रिजवान मर्चेंट और आबाद पोंडा के जरिए अदालत में दायर जमानत याचिका में दावा किया गया कि 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के आह्वान को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी या घृणा की भावना को बढ़ावा देने वाला कृत्य नहीं कहा जा सकता और इसलिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत इस आरोप को कायम नहीं रखा जा सकता है।
याचिका में कहा गया कि राणा दंपति का मुख्यमंत्री के निजी आवास के पास हनुमान चालीसा का पाठ करके लोगों को भड़काने या नफरत फैलाने का कोई इरादा नहीं था। साथ ही याचिका में कहा गया कि आवेदकों ने जो किया, वह राजद्रोह का अपराध नहीं हो सकता।
पुलिस की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दंपति की योजना भले ही अबोध प्रतीत होती है, लेकिन तथ्य यह है कि यह सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश थी।
पुलिस ने दावा किया कि राज्य में विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी और उद्धव ठाकरे के राजनीतिक विरोधी यह साबित करना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री हिंदुओं के खिलाफ हैं।