भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार जहां मॉब लिचिंग को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने जा रही है, वहीं उन्हीं के सूबे में राज्य प्रशासनिक सेवा के मुस्लिम अफसर नियाज खान मॉब लिंचिंग के डर से अपना नाम बदलना चाह रहे हैं।
उपसचिव पद पर पदस्थ नियाज खान ने ट्वीट कर लिखा कि मैं अपनी पहचान छिपाना चाहता हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि नया नाम मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बचा सकता है। नियाज लिखते हैं कि नया नाम मुझे हिंसक भीड़ से बचाने में मदद करेगा।
उन्होंने लिखा मैं कुर्ता-टोपी नहीं पहनता और दाढ़ी नहीं रखता हूं तो मैं हिंसक भीड़ से नकली नाम के सहारे बच सकता हूं। यदि मेरा भाई पारंपरिक कपड़े पहने हुए है और उसकी दाढ़ी भी है, तो वह खतरनाक परिस्थिति में है और कोई भी संस्थान बचाने में सक्षम नहीं है।
इतना ही नहीं, नियाज खान ने अपने ट्वीट में मुस्लिम अभिनेताओं को भी सलाह दी है कि वे अपनी फिल्मों को बचाने के लिए नया नाम ढूंढ लें।
नियाज लिखते हैं कि टॉप स्टार्स की फिल्में फ्लॉप होना शुरू हो गई है। इससे पहले माफिया डॉन अबू सलेम की लव स्टोरी लिखकर सुर्खियों में आए नियाज खान इन दिनों मुस्लिमों के खिलाफ होने वाली मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर एक किताब 'टेल ऑफ ए नॉकटरनल' लिख रहे हैं।