Delhi news : प्रसिद्ध शायर और सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा... के रचियता मोहम्मद इकबाल (Muhammad Allama Iqbal) अब दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के सिलेबस का हिस्सा नहीं रहेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की अकादमिक परिषद ने राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम से इकबाल से जुड़ा एक अध्याय हटाने के लिए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया। इन प्रस्तावों पर आखिरी मुहर दिल्ली यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में लगेगी।
इकबाल बीए के छठे सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचार नामक अध्याय का हिस्सा हैं। कहा जाता है कि इकबाल ने ही पाकिस्तान बनाने का विचार दिया था। 1930 में इन्हीं के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने सबसे पहले भारत के विभाजन की मांग उठाई।
परिषद ने प्राथमिक शिक्षा स्नातक (बी.एल.एड) कार्यक्रम की जगह चार साल के एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) को लागू करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। अकादमिक परिषद (एसी) के छह सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ असहमति जताते हुए कहा कि इस संबंध में शिक्षकों से कोई परामर्श नहीं किया गया।
कौन थे इकबाल : 9 नवम्बर 1877 को अविभाजित भारत के सियालकोट में जन्में इकबाल को अलम्मा इकबाल के नाम से भी जाता है। वे प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। पाकिस्तान के राष्ट्रकवि माने जाने वाले इकबाल का निधन 21 अप्रैल 1938 को हुआ था।
Edited by : Nrapendra Gupta