ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सम्मति दे भगवान... मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना... ये पंक्तियां भारत की गंगा-जमुनी तहजीब के लिए मुफीद हैं। हिंदू-मुस्लिम एकता और सौहार्द की मिसाल मेरठ में देखने के लिए मिली, जहां एक मुस्लिम परिवार ने शिव मंदिर निर्माण के लिए अपनी जमीन दान में दे दी।
सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखने के लिए दिवाली के अवसर पर पुश्तैनी जमीन का वसीयतनामा मुस्लिम परिवार ने शिव मंदिर के नाम कर दिया है। बॉलीवुड एक्टर कासिफ अली के दादा कासिम अली ने 200 गज जमीन इंद्रानगर थाना ब्रह्मपुरी में शिव मंदिर के नाम पर मौखिक रूप दान में दे दी थी।
उनके निधन के बाद उनके चाचा हाजी आसिम अली ने दिवाली के अवसर पर यह जमीन मंदिर के नाम कर दी। मंदिर की देखरेख के लिए कमेटी भी बना दी गई है, साथ ही मंदिर का वसीयतनामा करने वाले आसिम अली का कहना है कि उनके पिता ने मौखिक तौर पर यह जमीन मंदिर को दी थी, अब उन्होंने आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए जमीन का बैनामा शिव मंदिर के नाम कर दिया है।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि मंदिर में वह समय-समय पर यथाशक्ति सहयोग भी करेंगे।
मंदिर जमीन का बैनामा करने वाले हाजी आसिम अली मेरठ के शाहनत्थन में रहते हैं। उनका कहना है कि इंद्रा नगर मेरठ मे जहां ये शिव मंदिर है, वहां पूर्व में उनके पिता कासिम अली के खेत हुआ करते थे। लोगों ने यहां मकान बना लिए, रिहायशी क्षेत्र होने पर मंदिर के लिए जमीन की जरूरत महसूस हुई। कासिम अली से लोगों ने जमीन मांगी तो उन्होंने मौखिक रूप से मंदिर को 1976 खसरा नम्बर 2408 की लगभग 200 गज जमीन दान में दे दी।
आसिम कहते हैं ऐसा करने के पीछे उनके पिता का मकसद समाज में भाईचारे का संदेश देना था। उसी भाईचारे और सौहार्द को कायम रखने के लिए मंदिर जमीन का बैनामा उनके द्वारा कराया गया है। वहीं, शिव मंदिर समिति के लोगों ने हाजी आसिम तथा उनके परिवार की सराहना की है और कहा कि इस परिवार ने शहर में मिसाल कायम की है। कमेटी इस बात पर भी विचार कर रही है कि जमीन दान से संबंधित शिलापट्ट भी मंदिर में लगाया जाए।