17 जून 2021 को बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल ब्लास्ट के तार उत्तरप्रदेश के शामली जिले से जुड़ते नजर आ रहे है। दरभंगा ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने लश्कर-ए-तैयबा के से जुड़े 2 आतंकियों तक पहुंच गई है और उन्हें बीती रात हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है। एनआईए की गिरफ्त में आए दोनों ब्लास्ट आरोपी सगे भाई हैं और उनके पिता पूर्व सैनिक, जो देश के लिए फौज में रहकर 1962 में चीन के खिलाफ जंग लड़ चुके हैं। इन आरोपी भाइयों के फौजी पिता बेटों के दोषी होने पर गोली मार देने की मांग कर रहे हैं।
बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को सिकंदराबाद से कपड़े का एक पार्सल आया और उसमें ब्लास्ट हो गया। तभी से यूपी, बिहार और तेलंगाना की एटीएस ब्लास्ट मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई। लेकिन मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए ने इस मामले में एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए दरभंगा रेलवे स्टेशन ब्लास्ट मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार करने की इंफॉर्मेशन दी है। इन दोनों की गिरफ्तारी हैदराबाद से हुई है। एनआईए की गिरफ्त में आए इमरान मलिक और नासिर खान सगे भाई हैं। मूल रूप से यूपी के शामली जिले के कैराना कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कायस्थवाड़ा के रहने वाले हैं। परिवार और आसपास के लोगों के मुताबिक ये दोनों भाई हैदराबाद में कपड़ों का कारोबार कर रहे हैं। साल में एक 2 बार ही कैराना स्थित घर आते हैं।
'इमरान और नासिर ही दरभंगा ब्लास्ट के आरोपी हैं', जैसे ही यह खबर शामली पहुंची तो हड़कंप मच गया। मीडिया आरोपियों के घर पहुंचा तो वहां ताला लगा मिला और घर के बाहर 'मकान बिकाऊ' लिखा हुआ मिला। जैसे ही नासिर और इमरान की गिरफ्तारी की खबर मीडिया की सुर्खियां बनीं तो आरोपियों के पिता सामने आए और उन्होंने कहा कि मेरे बेटे हैदराबाद में कपड़े का व्यापार करते हैं। नासिर ने तो वहीं की लड़की से शादी की है और वहीं कपड़ों व्यापार कर रहा है। लगभग 6 महीने पहले इमरान भी व्यापार के सिलसिले में हैदराबाद गया है।
आरोपियों के पिता ने कहा कि बेटों के फोन बंद आने से चिंता बढ़ गई। परिवार के अन्य सदस्यों से बेटों के बारे में सूचना मिली कि उनके दोनों बेटों का फोन एनआईए ने उठा लिया है। आरोपी भाइयों के पिता मूसा खान ने कहा कि वे पूर्व सैनिक हैं। यदि मेरे बेटे गुनाहगार हुए तो सरेआम गोली मार देनी चाहिए। अगर बेगुनाह हुए तो उन्हें बाइज्जत छोड़ देना चाहिए। वहीं बोले कि मेरे बेटों को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। मैं सच्चा देशभक्त हूं और अपने जीवन में देश के 3 बार जंग लड़ी है।
मेरा बेटा नासिर पहले एजेंसी के लिए काम करता था, शायद रॉ या आईबी के लिए रूपेन्द्र कौर के साथ था। फिर उसने अपने भाई इमरान को भी बुलाकर काम पर लगा दिया। इन अधिकारियों ने खुद तो पल्ला झाड़ लिया और मेरे बच्चों को फंसा दिया। अगर दोषी है नासिर और इमरान तो उन्हें कानून के मुताबिक सजा मिले, नहीं तो बाइज्जत रिहा किया जाए।
कैराना अक्सर सुर्खियों में छाया रहता है। बीती 23 जून को कैराना नगर के मोहल्ला बिसातियान व आलखुर्द निवासी सलीम टुइयां व कफील मलिक को एटीएस ने उठाया और इन्हें एनआईए को सौंप दिया गया। वहीं लगातार दरभंगा ब्लास्ट प्रकरण में कैराना के लोगों की संलिप्तता और एक के बाद एक आरोपियों का पकड़े जाना कैराना के दामन पर बदनुमा धब्बा है।