नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग (National Women Commission) ने वायुसेना की एक महिला अधिकारी का कथित तौर पर टू-फिंगर टेस्ट कराने के मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है और वायुसेना प्रमुख से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है।
अपने एक सहयोगी द्वारा कथित तौर पर यौन हमले का सामना करने वाली 28 वर्षीय महिला अधिकारी का दावा है कि उसे सदमे से गुजरना पड़ा है।
आयोग ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग बहुत निराश है और भारतीय वायुसेना के चिकित्सकों की ओर से प्रतिबंधित टू-फिंगर टेस्ट कराने के कदम की कड़ी भर्त्सना करता है।
यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और साथ ही निजता एवं महिला के गरिमामयी जीवन जीने के अधिकार का भी हनन है।
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने वायुसेना प्रमुख को पत्र लिखकर इस मामले में जरूरी कदम उठाने और वायुसेना के चिकित्सकों को सरकार एवं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से टू-फिंगर टेस्ट के संदर्भ में तय दिशा-निर्देशों के बारे में जरूरी ज्ञान दिए जाने के लिए कहा है। महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में पिछले सप्ताह एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट को गिरफ्तार किया गया था।
भारतीय वायुसेना के डॉक्टरों को सरकार और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा वर्ष 2014 में टू- फिंगर टेस्ट को अवैज्ञानिक बताते हुए प्रचलित दिशा-निर्देशों के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए बाध्य करें।
29 साल की महिला एयरफोर्स ऑफिसर ने बताया की बास्केटबॉल खेलते हुए उसके पैर में दर्द शुरू हो गया। इसके बाद वह दर्द की दवाई खाकर सोने चली गई।
महिला अधिकारी ने बताया कि आधी रात को जब उसकी आंखें खुलीं तो वह दंग रह गई। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे और सामने वाले आरोपी के शरीर पर भी कपड़े मौजूद नहीं थे।