नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोतसिंह सिद्धू रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के सामने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है और यही चुनावी गर्मी आज दिल्ली में देखी गई। चुनावी रणनीति के तहत सिद्धू ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के सामने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
विरोध में शामिल होने से पहले सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली शिक्षा मॉडल की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली शिक्षा मॉडल अनुबंध मॉडल है। दिल्ली सरकार के पास 1031 स्कूल हैं जबकि केवल 196 स्कूलों में प्रधानाध्यापक हैं। 45 प्रतिशत शिक्षक पद खाली हैं और 22 हजार अतिथि शिक्षक दैनिक वेतन पर स्कूलों को चला रहे है और हर 15 दिनों पर उनका अनुबंध नवीनीकरण किया जाता हैं।
उन्होंने कहा कि आप ने संविदा शिक्षकों को नियमित करने, स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन देने का वादा किया था। लेकिन अतिथि शिक्षाकों के होने से स्थिति और खराब हो गई। स्कूल प्रबंधन समितियों के जरिए तथाकथित आप स्वयंसेवक सरकार के फंड से सालाना पांच लाख कमाते हैं, जो पहले स्कूल के विकास के लिए था।
उन्होंने कहा कि आप ने 2015 के घोषणापत्र में दिल्ली में आठ लाख नयी नौकरियों और 20 नए कॉलेजों का वादा किया था, वो सब कहां हैं। आपने दिल्ली में केवल 440 नौकरियां दी हैं। आपके वादे के विपरीत दिल्ली में बेरोजगारी दर पिछले 5 वर्षों में बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि 2015 में दिल्ली में शिक्षकों के 12,515 पद रिक्त थे, लेकिन 2021 में दिल्ली में शिक्षकों के 19,907 पद रिक्त हैं। जबकि आप सरकार अतिथि व्याख्याताओं के माध्यम से रिक्त पदों को भर रही है।
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने 27 नवंबर को पंजाब के मोहाली में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की इमारत के बाहर संविदा शिक्षकों के एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था, जो अपनी नौकरी को नियमित करने की मांग कर रहे थे।