यवतमाल। मशहूर लेखिका नयनतारा सहगल का निमंत्रण मराठी साहित्य सम्मेलन से वापस लेने का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार से शुरू हुए इस साहित्य सम्मेलन में नयनतारा सहगल का मास्क पहनकर विरोध दर्ज किया।
3 महिला लेखिकाएं 91 वर्षीय सहगल की तस्वीर वाला मास्क पहनी हुई थीं। इन्हें महिला पुलिसकर्मियों ने कार्यक्रम स्थल से बाहर चले जाने को कहा और मास्क जमा करा लिए। महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री विनोद तावड़े ने 92वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सहगल का निमंत्रण वापस लेने से राज्य को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। मंत्री जब बोल रहे थे तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने नारे भी लगाए।
इस सम्मेलन के मौजूदा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत देशमुख ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाला अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन सहगल का निमंत्रण वापस लेने को रोकने में विफल रहा। बीड़ जिले के अंबाजोगाई में एक समानांतर साहित्य सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति लोहिया पाटिल ने सहगल का मराठी में अनुवाद वह भाषण पढ़ा, जो वे यवतमाल साहित्य सम्मेलन के दौरान पढ़ने वाली थीं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन एक किसान की विधवा ने किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
अखिल भारतीय साहित्य महामंडल के अध्यक्ष श्रीपाद जोशी ने सहगल को इस साहित्य सम्मेलन को दिए गए निमंत्रण वापस लेने को लेकर उठे विवाद के बाद बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जोशी ने ही सहगल को इस सम्मेलन की मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रित किया था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के ऐतराज करने पर रविवार को सहगल का निमंत्रण वापस ले लिया गया।
निमंत्रण वापस लेने पर विपक्षी नेताओं और लेखकों द्वारा नाखुशी प्रकट करने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोमवार को इस विवाद से दूरी बना ली थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के स्पष्टीकरण के बाद सहगल ने कहा था कि अब यदि उन्हें फिर से निमंत्रण भेजा जाता है तो भी वे सम्मेलन में नहीं जाएंगी। (भाषा)