बेंगलुरु। केरल में निपाह संक्रमण के सैकड़ों मामले सामने आने के बाद कर्नाटक में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। केरल में 7 लोगों को सघन चिकित्सा इकाई (Intensive Care Unit) में रखा गया है और 300 लोगों को विशेष निगरानी केंद्र में रखा गया है।
कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के सहायक निदेशक डॉ. बीजी प्रकाश कुमार ने सभी सरकारी अस्पतालों के प्रमुखों को हाई अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए हैं और इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन भेजने को कहा है।
उन्होंने राज्य के लोगों को कहा है कि जहां तक संभव हो सके, केरल की यात्रा करने से बचें। डॉ. कुमार ने हासन, चामराज नगर और मैसुरू जिले के सभी प्रमुखों से एहतियाती उपाय बरतने को कहा है और अगर किसी भी व्यक्ति में निपाह विषाणु के लक्षण दिखें तो तुरंत इसकी जानकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय को तत्काल दी जाए।
केरल में 6 लोगों के नमूने निगेटिव : दूसरी ओर केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने गुरुवार को कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में निपाह संक्रमण के चलते जो 6 मरीज निगरानी केंद्र में हैं, उनकी जांच के नमूने नकारात्मक पाए गए हैं।
शैलजा ने यहां कहा कि पुणे की नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट लैब से मिली रिपोर्ट में सभी 6 संदिग्ध निपाह मरीजों के नमूने नकारात्मक पाए गए हैं। इस ताजा रिपोर्ट से काफी राहत मिली है और वायरस से निपटने की तैयारियां आगे भी जारी रहेंगी।
उन्होंने कहा कि निपाह से संक्रमित 23 वर्षीय छात्र के संपर्क में आने की वजह से बुखार से पीड़ित 6 लोगों के नमूने पुणे की प्रयोगशाला भेजे गए थे। अलपूझा में वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में किए गए प्राथमिक परीक्षण में भी 6 मरीजों के नमूनों में निपाह संक्रमण की पुष्टि नहीं हो सकी है।
उन्होंने कहा कि कोठामंगलम अस्पताल में भर्ती एक अन्य व्यक्ति के खून के नमूने गुरुवार को जांच के लिए पुणे भेजे जाएंगे। अस्पताल सूत्रों ने कहा कि कॉलेज के छात्र पर रेबाविरिन दवा का असर दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन निपाह के प्रकोप के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक करेंगे। राज्य में 314 लोगों को निपाह संक्रमण की पुष्टि के बाद विशेष निगरानी में रखा गया है। (वार्ता)