मुम्बई। भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी का समुद्र तट स्थित बंगला विस्फोटक का इस्तेमाल कर ध्वस्त कर दिया गया। रायगढ़ जिला कलेक्टर विजय सूर्यवंशी ने कहा कि यह एक नियंत्रित विस्फोट था। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बंगले को ध्वस्त किए जाने के आदेश दिए थे।
मंगलवार को बंगले में विस्फोटक लगाने के लिए पिलर में जगह बनाने के लिए उत्खनन (मशीन) का इस्तेमाल किया गया। इसके लिए विशेष तकनीकी दल को बुलाया गया था।
राज्य सरकार ने पिछले साल ईडी को पत्र लिख अलिबाग के नजदीक किहिम समुद्र तट पर स्थित बंगले को ध्वस्त करने के लिए अनुमति मांगी थी। ईडी ने इस संपत्ति को कुर्क किया था।
सूर्यवंशी ने कहा कि बंगले के समान की नीलामी की जाएगी। कुछ सामान अलग से रखा गया है जो कि ईडी के हवाले किया जाएगा।
गौरतलब है कि 25 जनवरी को बुलडोजर के जरिए बंगला गिराना शुरू किया था लेकिन आरसीसी निर्माण की वजह से इसमें काफी समय लग रहा था।
डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर तकनीकी विश्वविद्यालय के संरचनात्मक इंजीनियरों ने 27 जनवरी को एक सर्वेक्षण किया। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि जिला अधिकारी नियंत्रित विस्फोट की मदद से विध्वंस को अंजाम दे।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में नाम सामने आने के बाद से फरार चल रहे नीरव मोदी का नाम उन व्यक्तियों में शामिल है जिन्हें उनकी संपत्ति गिराए जाने की चेतावनी मिली है। बंगले से सभी कीमती वस्तुओं को जब्त करने के बाद 24 जनवरी को ईडी ने इसे कलेक्टरेट कार्यालय के हवाले कर दिया था। (भाषा)