पटना। बिहार में शराब से 50 से ज्यादा लोगों की मौत पर बड़ा बयान देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा कि शराब पियोगे तो मरोगे। उन्होंने कहा कि शराब से मौत पर मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शराब पीकर मरे तो हमदर्दी नहीं होनी चाहिए।
नीतीश ने कहा कि भाजपा ने भी बिहार में शराबबंदी की तारीफ की थी। अब अलग हो गए तो इसी पर हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे शराब से भाजपा शासित राज्यों में भी लोग मर रहे हैं। शराब की वजह से सबसे ज्यादा मौते मध्यप्रदेश में हो रही है।
उल्लेखनीय है कि उल्लेखनीय है कि शराब की वजह से मध्यप्रदेश में 1214 लोग मारे गए। बिहार में 1000, कर्नाटक में 909 और पंजाब में 725 लोगों की मौत की वजह भी शराब ही बनी।
बिहार में जहरीली शराब से मौत पर राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा इस मुद्दे पर विधानसभा से लेकर सड़क तक हंगामा कर रही है। भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की कुल संख्या को छिपा रही है।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद पुलिस अधिकारियों और राज्य प्रशासन के संरक्षण में जहरीली शराब की बिक्री खूब फल-फूल रही है। वे आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
सारण जिले में पुलिस और आबकारी विभाग ने पिछले 48 घंटे में जहरीली शराब बेचने वाले 126 लोगों को गिरफ्तार किया है। 4,000 लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की गई है। मामले में त्वरित जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और तीन पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) की अगुवाई में 31 पुलिस अधिकारियों का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है।