कानपुर देहात। कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत वर्षों पुरानी रामलीला के मंचन को रविवार देर रात अनुमति न होने की बात कहते हुए एसडीएम ने रुकवा दिया था।जिसके बाद आक्रोशित महंत, क्षेत्रीय लोग व रामलीला कमेटी के अध्यक्ष धरने पर बैठ गए और जिलाधिकारी से लिखित शिकायत करते हुए एसडीएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं बिगड़ते माहौल को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस फोर्स मौके पर तैनात कर दिया गया है।
क्या है मामला : कानपुर देहात के शिवली के साकेत धाम मंदिर पर प्रति वर्ष की भांति 210वीं रामलीला का मंचन रविवार की देर रात हो रहा था। इस दौरान देर रात लगभग 12 से 1 के बीच मैथा एसडीएम महेंद्र कुमार पहुंचे और रामलीला बंद करवा दी।इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने जब कारण पूछा तो एसडीएम ने अनुमति न होने की बात कही।
इस बीच लोगों ने धार्मिक कार्यक्रम का हवाला देते हुए रामलीला को चालू रखने की बात कही, लेकिन एसडीएम ने महंत व क्षेत्रीय लोगों की बातों को अनसुना कर दिया और लगातार अनुमति न होने की बात कहते रहे, जिसके बाद क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश भड़क गया।क्षेत्रीय लोगों की नाराजगी को बढ़ता देख एसडीएम स्थल से चले गए।
दस्तखत न करने का लगाया आरोप : रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा 10 दिन पूर्व ही अनुमति की मांग की गई थी और सभी जगह से आख्या लगकर एसडीएम कार्यालय में पहुंच भी गई थी।सभी विभागों की आख्या होने के बावजूद एसडीएम ने अनुमति पत्र पर दस्तखत ही नहीं किए।
जो कभी नहीं हुआ वह कर दिया : रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने बताया कि 210 साल से रामलीला हो रही है और इस स्थान को लीला मंचन की जन्मस्थली माना जाता है। यहां की रामलीला ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश में ख्याति प्राप्त की है और दूसरे राज्यों तक रामलीला मंचन को पहुंचाया और शुरू भी कराया है।
उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आई और न ही किसी ने रामलीला को रुकवाया है, लेकिन पहली बार रामलीला का मंचन रुकवाया गया है, इसलिए हम सभी की मांग है कि इस कृत्य को करने वाले एसडीएम के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।