नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में 1961 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का भव्य स्वागत किया गया था, जहां उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मौजूदगी में बड़ी सभा को संबोधित किया था और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक परिसर का औपचारिक उद्घाटन भी किया था।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (96) 3 बार भारत की राजकीय यात्रा पर आई थीं। उनका गुरुवार को निधन हो गया। वे 70 साल तक ब्रिटिश राजगद्दी पर रहीं। महारानी ने 1953 में अपने राज्याभिषेक के 7 साल बाद जुलाई, 1961 में अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ भारत की पहली शाही यात्रा की थी। शाही दंपति ने मुंबई, चेन्नई और कोलकाता का भी दौरा किया था।
उन्होंने आगरा में ताजमहल का दीदार किया था और नई दिल्ली में राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी। दिल्ली में रामलीला मैदान में महारानी के स्वागत में भव्य समारोह आयोजित किया गया था, जहां उन्होंने मंच पर नेहरू और फिलिप की उपस्थिति के बीच जनसमूह को संबोधित किया।
दिल्ली के तत्कालीन महापौर शामनाथ ने शाही दंपति का सम्मान किया था। महारानी को कुतुबमीनार की एक कलात्मक प्रतिकृति भेंट की गई थी। महारानी ने राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोहों में भी हिस्सा लिया था जिसका नाम अब 'कर्तव्य पथ' कर दिया गया है।
उन्होंने अपने पति के साथ 27 जनवरी को एम्स के संस्थागत भवनों का औपचारिक उद्घाटन किया था। समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद शामिल हुए थे। महारानी ने परिसर के भव्य उद्घाटन के समय पौधारोपण भी किया था, लेकिन कालांतर में वह पेड़ दीमकों की भेंट चढ़ गया। शाही दंपति 1983 और 1997 में भी भारत आए थे।(भाषा)