पूर्णिया (बिहार)। राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला जारी रखते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें 'फेविकोल' का ब्रांड एम्बेसेडर होना चाहिए। 'जन सुराज अभियान' के तहत पूर्णिया पहुंचे किशोर ने शुक्रवार को कहा कि अगर फेविकोल कंपनी वाले मुझसे मिलेंगे तो मैं उनको सलाह दूंगा कि नीतीश कुमार को अपना ब्रांड एम्बेसेडर बना लें। किसी की भी सरकार हो, लेकिन वे कुर्सी से चिपके हुए रहते हैं।
प्रशांत किशोर के इस बयान पर कि बिहार में हुए राजनीतिक बदलाव का राष्ट्रीय राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं होगा, नीतीश ने कहा था कि उनके इस बयान से लोग यही समझेंगे कि उनका मन भाजपा के साथ रहने का है। मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर आज शुक्रवार को किशोर ने कहा कि 1 महीने पहले तक 90 डिग्री के कोण पर झुककर वे प्रणाम कर रहे थे, वे अगर किसी को भाजपा की 'बी टीम' कह रहे हैं तो यह हास्यास्पद है। आप खुद उनके साथ थे और कल फिर से कहां जाएंगे कोई नहीं जानता।
आईपैक के संस्थापक का इशारा नीतीश के इस साल की शुरुआत में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह की ओर था जिसमें नीतीश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नमस्कार करने के लिए 90 डिग्री के कोण पर झुक गए थे।
शीर्ष पद की लालसा में 'जन सुराज अभियान' चलाने की अटकलों पर किशोर ने कहा कि मेरा मकसद सीएम या पीएम (मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री) बनना नहीं है। सीएम या पीएम बनना होता तो किसी पार्टी से कुछ जोड़-तोड़ या समझौता करके भी बन सकता था। मेरा मकसद बिहार के अच्छे लोगों को राजनीति में लाने का है। मैं सत्ता नहीं, व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करने का प्रयास कर रहा हूं।
किशोर ने कहा कि उनकी पदयात्रा के 1 महीने के भीतर सामूहिक रूप से यह तय होगा कि आगे राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी।
उन्होंने जोर देकर कहा अगर कोई दल बनता है तो वे उसके नेता या अध्यक्ष नहीं होंगे, पार्टी उन सभी की होगी, जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे। उन्होंने कहा कि मैं अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में देखना चाहता हूं। मैंने देश के कई राज्यों में काम किया है और बिहार उनके मुकाबले बहुत पीछे है।
किशोर ने कहा कि हम चाहते हैं कि 2034 तक बिहार विकास के सभी मापदंडों पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो। वे अपनी पदयात्रा के बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे और उसमें सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे।(भाषा)