हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करके एक तीर से कई निशाने लगाए हैं। एक तरफ जहां इससे राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान को तेजी मिली है, वहीं दूसरी और इससे केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार जैसे लोगों को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है।
हमीरपुर के भाजपा समर्थकों और मतदाताओं के अनुसार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दो बार के मुख्यमंत्री धूमल को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करके भाजपा के भीतर उठ रही आशंकाओं को शांत कर दिया है। एक तरफ जहां इससे राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान को तेजी मिली है, वहीं दूसरी और इससे केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार जैसे लोगों को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है। साथ ही धूमल और उनके सांसद पुत्र अनुराग ठाकुर का धड़ा इसे पार्टी में अपने विरोधियों पर बड़ी जीत मान रहा है।
धूमल के दावों के विपरीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने शांता कुमार और नड्डा के नाम पर भी विचार किया। सभी नामों पर विचार-विमर्श के बाद हिमाचल की राजनीति पर मजबूत पकड़ रखने वाले दो बार मुख्यमंत्री रहे धूमल के नाम पर निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को हराने के लिए धूमल को ही सबसे उपयुक्त प्रत्याशी माना गया।
हमीरपुर के आम मतदाता का मानना है कि पार्टी के इस निर्णय से धूमल के पुत्र सांसद अनुराग ठाकुर का करियर भी आगे बढ़ेगा। ठाकुर स्वयं को पार्टी का एक कार्यकर्ता बताते हैं। इसके बावजूद भाजपा समर्थकों और मतदाताओं का मानना है कि इससे न सिर्फ 73 वर्षीय धूमल की राजनीति आगे बढ़ेगी, बल्कि इससे भविष्य में ठाकुर को राजनीतिक फायदा पहुंचेगा। (वार्ता)