नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शहर में ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों पर आज ठंडा चलाया और प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने एवं अपने वाहनों से साइलेंसर हटाने वालों पर 5000 रुपए जुर्माना की घोषणा की।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली यातायात पुलिस को को उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया जो अनुचित एवं असहनीय आवाज करते हैं और उससे ध्वनि प्रदूषण होता है।
न्यायमूर्ति कुमार और न्यामूर्ति एम एस नाम्बियार की पीठ ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले उल्लंघनकर्ता मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान और जुर्माने के अलावा ‘प्रदूषक चुकाता है’ के सिद्धांत के आधार पर प्रति उल्लंघन पर 5000 रूपए जुर्माना भरने के उत्तरदायी होंगे। हरित पैनल ने यातायात पुलिस को भी पर्यावरण क्षतिपूर्ति अन्य खाते में जमा करने को कहा।
पीठ ने कहा कि उल्लंघन की स्थिति में यातायात प्रशासन ऐसे उल्लंघनकर्ताओं के लिए नोटिस जारी कराने के वास्ते एनजीटी पहुंचने के लिए स्वतंत्र है। अधिकरण ने कहा कि प्रेशर होर्न का अबाधित उपयोग गंभीर ध्वनि प्रदूषण का एक स्रोत है और उसने राष्ट्रीय राजधानी में सभी वाहनों पर इस संबंध में रोक लगाई। (भाषा)