जगदलपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी पर छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष के शासनकाल के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त रहने और आदिवासियों के दर्द की अनदेखी करने का आरोप लगाया। प्रदेश के बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में आयोजित 'भरोसे का सम्मेलन' को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र जो पहले हिंसा के लिए जाना जाता था, अब अपनी कला, संस्कृति और अन्य उत्पादों के माध्यम से देश के साथ-साथ विदेशों में भी एक ब्रांड बन गया है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार राज्य के लोगों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। इससे आपका भरोसा नहीं टूटा।
उन्होंने कहा कि आपने भाजपा के 15 वर्ष के शासन को देखा है और उन पर भरोसा भी दिखाया। लेकिन फिर क्या हुआ? तब केवल भय, भूख और भ्रष्टाचार का बोलबाला था, आपकी जमीन छीन ली गई और आपको हथकड़ी लगा दी गई।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने आपके निर्भर बनाया लेकिन आत्मनिर्भर नहीं बनाया। उन्होंने आपका आत्मविश्वास तोड़ा और आपके दर्द को नजरअंदाज किया। कांग्रेस सरकार ने आपका गौरव लौटाया और आपको सशक्त बनाने की दिशा में काम किया।
उन्होंने कहा कि बस्तर, जहां पहले नक्सली हिंसा होती थी, अब एक ब्रांड बन गया है और आप (बस्तर के आदिवासी) की पहचान आपके हस्तशिल्प, अन्य कलाओं और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के कारण देश-विदेश में है। उन्होंने इस वर्ष के अंत तक छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बिगुल फूंका और राज्य के लोगों से एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर 'भरोसा' करने का आग्रह किया।
प्रियंका ने पिछली रमन सिंह सरकार (2003-2018) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के शासन में लोगों ने देखा है कि लोगों को लूटना, भ्रष्टाचार करना और लोगों के दर्द को नजरअंदाज करना उनके लिए सामान्य बात हो गई थी।
उन्होंने कहा कि अब आप एक ऐसी सरकार (कांग्रेस की) देख रहे हैं, जो आपके उत्थान और विकास के लिए दिन-रात काम कर रही है, अब यह आप पर निर्भर है कि आप किसे अपना समर्थन देंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे। सम्मेलन में क्षेत्र के 7 जिलों से आए आदिवासियों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।
'भरोसे का सम्मेलन' के दौरान प्रियंका और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 'आदिवासी परब सम्मान निधि योजना' की शुरुआत की। इस योजना के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को आदिवासी त्योहारों, मेलों और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta