Protest against the killing of Hassan Nasrallah: लेबनान में हुई हिज्बुल्ला नेता हसन नसरुल्लाह (Hassan Nasrullah) की हत्या के विरोध में सैकड़ों लोगों ने उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के पुराने शहर इलाके में प्रदर्शन किया, कैंडल मार्च निकाले और इजराइल तथा अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की। यह विरोध प्रदर्शन शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के आह्वान पर किया गया।
सआदतगंज के रुस्तम नगर स्थित दरगाह हजरत अब्बास में रविवार की रात नसरुल्लाह की 'शहादत' की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की गई। साथ ही केन्द्र सरकार से मांग की गई कि जिन लोगों ने नसरुल्लाह की हत्या की है, उनके खिलाफ वह संयुक्त राष्ट्र के जरिए आवाज उठाए।
मौलाना जव्वाद ने एक बयान में कहा कि इजराइल ने अमेरिका की शह पाकर तमाम नियम-कायदों और इंसानी तकाजों को तार-तार करते हुए फलस्तीन के गजा और लेबनान देश में घुसकर हजारों लोगों को मार डाला। उन्होंने मीडिया के एक वर्ग द्वारा हिज्बुल्ला प्रमुख रहे नसरुल्लाह को आतंकवादी बताए जाने की निन्दा करते हुए कहा कि अपनी सरहदों की हिफाजत कौन नहीं करता? अगर अपने हक के लिए लड़ाई लड़ना दहशतगर्दी है तो यह नजरिया वही है जिसके तहत कुछ लोग शहीद-ए-आजम भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद को आतंकवादी कहते हैं।
मौलाना जव्वाद ने नसरुल्लाह की 'शहादत' पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इजराइल ने साबित कर दिया है कि वह दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी देश है। इसके अलावा रविवार शाम को सुल्तानपुर में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया। अंजुमन पंजतन तुराबखानी द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में सुलतानपुर के बड़ा इमामबाड़ा से जुलूस निकाला गया। अल्पसंख्यक वकील कल्याण ट्रस्ट के सदस्य एम.एच. खान ने कहा कि अमेरिका और इजराइल की कार्रवाई अनुचित है क्योंकि उनके हमलों में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta