इंदौर। एक चरवाहे की सूझबूझ से एक बड़ा ट्रेन हादसा होते-होते बचा। चरवाहे की इस काम को देखकर रेलवे ने उसे पुरस्कृत भी किया।
टूटी रेल पटरी को देखकर लाल कपड़ा से इशारा कर मालगाड़ी रुकवाकर एक बड़ी संभावित दुर्घटना को रोकने वाले राकेश भाई बारिया को मंडल रेल प्रबंधक द्वारा
प्रशस्ति पत्र एवं पांच हजार रूपए नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के नागदा-गोधरा मेन लाइन खंड में मंगल महूड़ी एवं ऊसरा खंउ में किमी 521/12 के पास के गांव के ही राकेश भाई बारिया अपनी बकरियां चरा रहे थे। इसी दौरान रेल पटरी से एक तेज आवाज सुनाई दी। पास जाकर देखा तो डाऊन लाइन की पटरी टूटी पड़ी थी। कुछ ही देर बाद उसे गाड़ी की सीटी सुनाई दी।
उसने तत्काल दुर्घटना की आशंका को देखते हुए अपने पास उपलब्ध लाल रंग के कपड़े को लेकर टूटी पटरी से थोड़ी दूर जाकर गाड़ी को रोकने का प्रयास किया।
संबंधित ट्रेन के लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट ने भी सूझबूझ का परिचय देते हुए गाड़ी को खड़ी की तथा वहां कि वास्तविक स्थित से अवगत होकर इसकी सूचना कंट्रोल एवं संबंधित अधिकरियों का दी। राकेश ने गाड़ी संख्या डब्ल्यूसीएसजी डाऊन गुड्स ट्रेन को रुकवाने का कार्य किया।
मंडल रेल प्रबंधक विनीत गुप्ता ने राकेश को मंडल कार्यालय में बुलाकर उनसे चर्चा की। गुप्ता ने राकेश भाई बारियों को 5 हजार रुपए का नकद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।