भोपाल। मध्यप्रदेश में इस मौसम में अब तक सामान्य से 28 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है और अगले 24 से 48 घंटों में एक बार फिर बारिश होने की संभावना है। मध्य और पूर्वी मध्य प्रदेश पर इसका असर रहेगा। विदिशा, सागर, भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों के कुछ निचले हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है।
प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जगहों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हवाई सर्वेक्षण किया और नावों से बाढ़ प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि इस मानसून सत्र में अब तक मध्य प्रदेश में 928 मिमी. बारिश हुई है, जो सामान्य से 28 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने कहा, बारिश का चालू दौर 31 अगस्त तक रहने की संभावना है। मध्य और पूर्वी मध्य प्रदेश पर इसका असर रहेगा। यह प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में कम प्रभावी हो सकता है। बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यही वजह है कि पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हुई है।
अधिकारी ने कहा, यह (चक्रवाती परिसंचरण) अगले 24 से 48 घंटों में एक कम दबाव के क्षेत्र में तेज हो जाएगा और फिर झारखंड और छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा जिससे मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि हालांकि इस बार बारिश की गतिविधियां ज्यादा तेज होने की उम्मीद नहीं है।
गुरुवार को सुबह 8.30 बजे समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि में सीधी शहर और जिले के चुरहट क्षेत्र में क्रमश: 108.5 और 105 मिमी. बारिश हुई। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार सिंगरौली जिले के माडा में 82.6 मिमी. और उमरिया जिले के चंदिया में 61.2 मिमी. बारिश दर्ज की गई।(भाषा)