देहरादून। राजाजी पार्क प्रबंधन ने रेल प्रशासन से राजाजी पार्क से गुजरने वाली सभी ट्रेनों के कोच का दरवाजा बंद रखने की हिदायत दी है। कारण यह है कि राजाजी पार्क के राजा जी टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी बढ़ाने पर काम चल रहा है। इसी को ध्यान में रखकर दिल्ली से देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में एक विस्टाडोम कोच लगाने की योजना बनाई जा रही है।
विस्टाडोम कोच की छत व बाडी पारदर्शी बनाई गई है। कोच की सीट को चारों ओर घुमाने की व्यवस्था होती है। ट्रेन के वन्य जीव पार्क से गुजरने के समय यात्री प्राकृतिक नजारे के साथ वन्यजीव को देख सकते हैं। इसी तरह से नई दिल्ली से काठगोदाम जाने वाली शताब्दी में भी विस्टाडोम कोच लगाने की योजना है
देहरादून हरिद्वार के बीच दोहरे रेल मार्ग का उत्तर रेलवे मुख्यालय सर्वे करा चुका है। हाथी के कारण ट्रेनों की गति बढ़ाने पर पार्क प्रबंधन ने रोक लगा रखी है। राजाजी नेशनल पार्क प्रबंधन ने रेलवे को बाघ आबादी इस क्षेत्र में बढ़ाने के चलते ही सचेत किया है कि पार्क से गुजरने वाली सभी ट्रेनों के कोच का दरवाजा बंद रखें। क्योंकि रास्ते में कभी भी बाघ दिखाई दे सकता है।
पार्क प्रशासन ने रेल लाइन की निगरानी करने वाले कर्मचारियों को भी सतर्कता बरतने को कहा है।देहरादून से हरिद्वार के बीच 51 किलोमीटर का रेल मार्ग है।इसका एक बड़ा हिस्सा राजाजी नेशनल पार्क के बीच से गुजरता है।
रेल लाइन में हाथियों के आने की बहुत सी घटनाएं यहां होती रही हैं, जिनमे कई बार हाथी रेल से कट भी गए। यही कारण है कि देहरादून हरिद्वार के बीच रेल मात्र 35 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने की अनुमति है।
अब राजाजी टाइगर पार्क यहां बाघों की आबादी बढ़ाने में लगा है, पार्क के इस क्षेत्र में तो कार्बेट से लाकर बाघों को ट्रांसलोकेट भी किया गया है। इसलिए पार्क प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि नेशलन पार्क के क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों के कोच के दरवाजे बंद रखे जाएं। बीच में ट्रेन रुकने पर कोच के अंदर जंगली जानवर भी आ सकते हैं।