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क्या लीक हो गया था राजस्‍थान का बजट? मचा सियासी घमासान, गहलोत ने दिया यह बयान

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, शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023 (16:03 IST)
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट भाषण की शुरुआत में पुराने बजट से कुछ पंक्तियां पढ़े जाने को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने हंगामा किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के लिए स्थगित करनी पड़ी। अब भाजपा कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है कि बजट घोषित होने से पहले ही लीक हो गया।
 
बहरहाल, मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा घटना पर 'खेद' जताए जाने के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू हुई और गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया।
 
गहलोत ने पूर्वाह्न 11 बजे वित्त वर्ष 2023-34 के लिए बजट सदन के पटल पर रखने की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने भूमिका बांधी व बजट घोषणाएं करनी शुरू कीं।
 
गहलोत ने 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) संबंधी घोषणाएं कीं, जो पहले ही की जा चुकी हैं। दोनों घोषणाएं बजट 2022-23 की पहले ही की जा चुकी हैं।
 
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने गहलोत का ध्यान इस ओर आकर्षित किया तो वह थोड़ा रुके। इसी दौरान भाजपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। गहलोत ने विपक्षी सदस्यों से सब्र रखने को कहा, लेकिन विपक्ष के कुछ सदस्य हंगामा करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया में तीखी नोक झोंक हुई।
 
अध्यक्ष ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष के ‘‘व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित’’ करते हैं।
इसके बाद जब की सदन की कार्यवाही पुन: शुरू हुई, तो भी गतिरोध नहीं टूटा। इस बीच, मुख्यमंत्री गहलोत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘बजट में गलती से एक अतिरिक्त पृष्ठ लग गया।’’
 
उन्होंने सदस्यों से बजट की गरिमा बनाए रखने की अपील की, लेकिन गतिरोध समाप्त नहीं होने पर अध्यक्ष जोशी ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए फिर स्थगित कर दी।
 
सदन की कार्यवाही पुन: आरंभ होने पर गहलोत ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से दो-तीन ऐसे पैरा आ गए, जिनकी हम पहले ही घोषणा कर चुके थे। उन्होंने इसे ‘‘मानवीय त्रुटि’’ बताते हुए माफी मांगी। गहलोत ने कहा कि जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं तब गलत आंकड़े पेश किए गए थे और उसे सुधारा भी गया था। सदन में मौजूद राजे ने कहा कि गहलोत ने जो किया है वह सरासर लापरवाही है।
 
राजे ने इस प्रकरण पर कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसी चीज हुई है। जो मुख्यमंत्री इतने अहम दस्तावेज की जांच किए बिना सदन में आकर पुराने बजट को पढ़ सकता है, आप समझ सकते हो कि उसके हाथ में राज्य कितना सुरक्षित है।
 
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए तथा बाद में अपराह्न 12 बजकर 11 मिनट पर 15 मिनट के लिए स्थगित की गई। भाषा

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