जयपुर। राजस्थान के आधा दर्जन के लगभग जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। हाड़ौती, धौलपुर, भरतपुर के इलाकों में हो रही भारी बारिश के कारण कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
चंबल नदी के खतरे के निशान से 12 मीटर ऊपर बहने से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 3 पर बना पुराना पुल पानी में डूब गया है।
मानसून की अच्छी बरसात में चंबल नदी में पानी आवक बढ़ने से उसके किनारे बसे 14 गांव भी जलमग्न गए हैं। कोटा बैराज से पानी की निकासी के बाद चम्बल खतरे के निशान से 12 मीटर ऊपर बह रही है।
धौलपुर जिले में चम्बल का गेज खतरे के निशान 130.79 के स्थान पर 143 मीटर पर पहुंच गया है। चंबल नदी पर स्थित पुराना सड़क पुल भी डूब गया है। दर्जनभर गांवों का सम्पर्क कट गया है, वहीं चंबल किनारे स्थित श्मशान घाट के अंदर पानी आ गया है। पुलिस प्रशासन स्थिति पर नजर रखे है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।
बचाव कार्य में तेजी लाएं : भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भारी बारिश के समय में लोगों को सतर्क रहने तथा प्रशासन को बाढ़ की स्थिति वाले क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाए जाने की जरूरत है। श्रीमती राजे ने बुधवार को सोशल मीडिया के जरिए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ समय तक प्रदेश में मौसम ऐसा ही बना रहेगा, जिससे भारी बारिश का अनुमान है। अतः आमजन को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि जहां बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, वहां राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए।
उन्होंने कहा कि बारां, कोटा, करौली, टोंक, भीलवाड़ा, दौसा, सीकर, सवाई माधोपुर सहित विभिन्न जिलों में अतिवृष्टि के कारण जन-जीवन प्रभावित है। जल बहाव के चलते कई जगह कच्चे मकानों के गिरने की, तो कई स्थानों पर खेतों में पानी भर जाने की ख़बरें आ रही हैं। इस कारण फसलो को भी नुकसान हो रहा है।
पायलट ने जताई चिंता : उधर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों के अंदर भारी बरसात के कारण नदी–नालों एवं बांधों में अत्यधिक जलभराव होने से सामान्य जनजीवन प्रभावित होने की खबर बेहद चिंताजनक है। सभी नागरिकों से आग्रह है कि सतर्क रहें एवं जलभराव वाले स्थानों पर जाने से बचें तथा प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना करें।
चित्र सौजन्य : सोशल मीडिया