चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) की ओर से एक दिन पहले सुपरस्टार अभिनेता रजनीकांत को मिली चेतावनी के बाद उन्होंने गुरुवार को अपने 'मैरिज हॉल' (Marriage Hall) का साढ़े छ: लाख रुप का बकाया संपत्ति टैक्स (Property Tax) भरने के बाद कहा कि इस गलती से बचा जा सकता था।
मद्रास न्यायालय ने दरअसल बुधवार को रजनीकांत को संपत्ति कर जल्द भरने की चेतावनी देते हुए कहा था कि वे टैक्स न भरकर न्यायालय का समय बर्बाद कर रहे हैं। इसके बाद गुरुवार को उन्होंने अप्रैल और सितम्बर के बीच का 6 लाख 56 हजार रूपए का संपत्ति टैक्स भर दिया जिसकी रसीद ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा जारी की गई थी जो व्यापक रूप से सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।
रजनीकांत ने दरअसल वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण संपत्ति टैक्स में राहत के लिए न्यायालय का रुख किया था और सोशल मीडिया पर लोगों को जब इस बात की भनक लग गई तो उसके बाद उन्होंने पूरा संपत्ति टैक्स भर दिया।
इस मामले को लेकर सुपरस्टार रजनीकांत ने ट्वीट कर कहा कि न्यायालय जाने की गलती से बचा जा था। अनुभव सबक भी सिखाता है। हमें चेन्नई निगम से अपील करनी चाहिए थी।
रजनीकांत ने मद्रास उच्च न्यायालय से कोरोना के प्रकोप के कारण संपत्ति टैक्स में छूट देने की मांग की थी जिसकी सुनवाई में न्यायाधीश अनीता सुमन ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे न्यायालय का समय बर्बाद करेंगे तो उन पर और अधिक जुर्माना लगाया जाएगा।
न्यायाधीश ने चेन्नई निगम को उनके टैक्स को कम करने के अनुरोध पर विचार करने के लिए पर्याप्त समय नहीं देने और जल्दबाजी में कोर्ट का रुख करने पर सवाल भी पूछा।
कोर्ट की चेतावनी के बाद हालांकि रजनीकांत के वकील ने मुकदमा वापस लेने लिए मेमो दाखिल किया जिसके बाद न्यायाधीश ने मामले को समाप्त कर दिया। (वार्ता)