नई दिल्ली। दिल्ली के बाहरी क्षेत्र में एक व्यक्ति ने छह वर्षीय एक बच्ची का यौन उत्पीड़न किया और जब उसे एक अस्पताल ले जाया गया तो वहां के डॉक्टरों ने आपात सेवा बंद होने का हवाला देते हुए किसी और अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद वहां उग्र भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ की।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को एक व्यक्ति को बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि यह घटना उस समय प्रकाश में आयी जब एक राहगीर ने दावा किया कि उसने करीब 40 साल के व्यक्ति को बच्ची को ‘अनुचित’ ढंग से छूते हुए देखा। बच्ची अपने घर से कुछ दूर ही खेल रही थी इसी दौरान आरोपी वहां पहुंचा था।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित बच्ची के माता-पिता ने इसके बाद बवाना पुलिस थाने में संपर्क करके इस घटना की जानकारी दी। वहीं अस्पताल के एक वीडियो में दिख रहा है कि सुरक्षाकर्मी के साथ एक समूह के लोग बहस कर रहे हैं और बाद में अस्पताल के सामानों को तोड़ रहे हैं।
किंग्सवे कैंप क्षेत्र में स्थित महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक राजीव सागर ने बताया कि करीब छह बजे ग्रामीण लोगों, सुरक्षाकर्मियों और चिकित्साकर्मियों के बीच झड़प हुई।
उन्होंने बताया, 'पहले एक व्यक्ति को कई जख्मों के साथ हमारे अस्पताल लाया गया और उसका इलाज किया जा रहा था। इसके कुछ देर बाद यौन उत्पीड़न की पीड़िता बच्ची को हमारे यहां लाया गया। हम प्रोटोकॉल के मुताबिक उसकी जांच के लिए जो कर सकते थे हमने किया और इसके बाद उसे प्रसूति गृह भेज दिया गया।'
उन्होंने दावा किया, 'हालांकि इसके बाद बच्ची की चिकित्सा जांच के लिए कुछ और टेस्ट की जरूरत थी। लेकिन चार बजे के बाद हमारी आपात सेवा बंद हो जाती है। हमने मरीज को डॉ बीएसए अस्पताल रेफर किया जो यहां से 8-10 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके बाद भीड़ आई और सामान और अन्य चीजें तोड़ने लगी। हमारे कर्मचारी उग्र ग्रामीणों से बचकर भागने लगे।'
चिकित्सा अधीक्षक ने यह भी दावा किया कि कुछ लोगों ने व्यक्ति को पीटने की कोशिश भी की। उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस और एक वरिष्ठ अधिकारी को घटना के बारे में जानकारी दी गई।
अधिकारी ने बताया कि वह कल औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराएंगे। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिसे गिरफ्तार किया गया है उसी को अस्पताल लाया गया था या किसी और को लाया गया था। (भाषा)