देहरादून। उत्तराखंड में अरब सागर से उठे चक्रवाती ताउते तूफान का असर रिमझिम बारिश से शुरू हो गया लगता है। उत्तराखंड में आज 19 मई और कल 20 मई रेड अलर्ट जारी है। इस दौरान जोरदार बारिश की संभावना है। उत्तराखंड में करीब 2 सप्ताह से बादल फटने की कई घटनाएं भी हो चुकी हैं। बुधवार 19 मई की सुबह से ही प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल हैं। साथ ही देहरादून सहित गढ़वाल के अधिकांश स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो रही है। कुमाऊं में भी रिमझिम बारिश का दौर शुरू हो चुका है। मौसम विभाग ने आज और कल तेज बारिश की चेतावनी दी है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने 19 और 20 मई का उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया है। 2 दिन अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश गर्जन के साथ हो सकती है। ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी की संभावना है। राज्य के देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग तथा पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की भी संभावना है। कुछ स्थानों पर आकाशीय बिजली चमकने और तेज बौछार की संभावना है।
यही नहीं, राज्य के उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, चमोली, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं अतिवृष्टि की संभावना है। राज्य के मैदानी क्षेत्र में 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। 21 मई को यलो अलर्ट है। इस दिन पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। मैदानी क्षेत्र में कहीं-कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश का अनुमान है। 22 मई को भी पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है, वहीं मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा।
उन्होंने बताया कि आने वाले 2-3 दिनों में तापमान कम होगा, जो इस समय सामान्य के करीब चल रहा है। बारिश का दौर तेज होते ही अधिकतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेंटीग्रेड तक कम हो सकता है। बुधवार 12 मई को नैनीताल जिले के कैंचीधाम में बादल फटने से भारी तबाही मची। मंदिर परिसर मलबे से अट गया था। इससे पहले मंगलवार 11 मई को गढ़वाल मंडल में देवप्रयाग में आंचल पर्वत पर बादल फटने से शांता गदेरे (बरसाती नाला) में आए उफान से कई घर और दुकानें ध्वस्त हो गईं।
हालांकि कर्फ्यू के कारण दुकानें बंद थीं और घरों से लोगों ने ऊंचाई वाले इलाकों में भागकर जान बचाई।
इससे पहले 6 मई को बादल फटने से टिहरी जिले के घनसाली और जाखणीधार ब्लॉक में काफी नुकसान हुआ था। कई हैक्टेयर जमीन तेज बहाव में बह गई थी जबकि घनसाली बाजार में कई वाहन मलबे में दब गए। जंगलों में बादल फटने से स्थानीय नैलचामी गदेरे में जलस्तर बढ़ गया जिससे ये नुकसान हुआ था। वहीं कुछ दिन पहले चमोली जिले में घाट क्षेत्र और रुद्रप्रयाग जिले में भी बादल फटने से नुकसान हुआ था। आकाशीय बिजली गिरने से उत्तरकाशी में कई मवेशियों की भी जान गई। एक तरफ कोरोना से मचा हाहाकार और दूसरी तरफ मौसम के चलते फट रहे बादल से मचा त्राहिमाम् उत्तराखंड के मुश्किलभरा साबित हुआ है।