देहरादून। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देख धामी सरकार अब हाथ खड़े करते दिखाई दे रही हैं। ऐसा चारधाम यात्रा के शुरुआती चरण में ही सारी व्यवस्थाओं के दम तोड़ने से हो रहा है। चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले व्यवस्थाओं को लेकर जो दावे किए थे, वे अब धराशाई होते दिख रहे हैं।
तीर्थयात्रियों की चारधाम यात्रा में बढ़ती संख्या को संभाल पाना सरकार और प्रशासन के बूते से बाहर हो गया है। दुबई से लौटने से बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि उन्होंने चारधाम यात्रा को धीमी करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है। एक हफ्ते बाद हाल ही में दुबई दौरे से लौटे सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा पर उठ रहे सवालों के बीच अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
चारधाम में न तो यात्रियों के रहने के इंतजाम हो पाए, न ही अन्य व्यवस्थाएं सरकार जुटा पाई है। केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तक जाम लग रहा है। तीर्थयात्रियों को पैदल मार्गों पर चलना मुश्किल हो रहा है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु चार धाम जाने के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पर चार धाम जाने के लिए बसें तक नहीं मिल रही हैं।
कई यात्री तो बिना दर्शन किए ही ऋषिकेश से वापस लौटने को तक विवश हैं। हालांकि पर्यटन मंत्री वैसे तो दुबई तक में जाकर खुद चारधाम यात्रा पर आने के लिए लोगों को निमंत्रण देकर आए हैं लेकिन उनके वापस पहुंचने पर जब उन्होंने इस यात्रा का जायजा लिया तो उनके खुद के हाथ-पांव फूल रहे हैं।
हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालु बेहद परेशानी महसूस कर रहे हैं। अब सतपाल महाराज को यह लगता है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या वहां की धारक क्षमता के हिसाब से तय होनी चाहिए। दिव्य-भव्य यात्रा की बात करने वाली सरकार के मंत्री के इस यू टर्न से यात्रा की हकीकत सामने आने लगी है।