जयपुर। अजेमर में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज एवं वंशानुगत सज्जादा नशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से आग्रह किया है कि रोहिंग्या मुसलामनों को तब तक उनके देश वापस न भेजा जाए जब तक म्यांमार की सरकार उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं ले ले।
खान ने कल जारी एक बयान में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि भारत म्यांमा में हो रहे रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार पर अपना विरोध दर्ज कराए और इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाए।