शिमला। 'रन टू ब्रीथ हॉफ मैराथन' का आयोजन रविवार को किया जाएगा जिसमें देश के चोटी के धावक हिस्सा लेंगे। इस हॉफ मैराथन में करीब 3 लाख रुपए की इनामी रकम दांव पर लगी है।
हॉफ मैराथन के विजेताओं (महिला व पुरुष वर्ग) को 50-50 हजार की इनामी रकम दी जाएगी। दूसरे स्थान पर रहने वाले को 25 हजार और तीसरे स्थान पर रहने वाले को 15 हजार की रकम दी जाएगी। 10 किलोमीटर के विजेताओं को 20 हजार रुपए, दूसरे स्थान पर रहने वाले को 15 और तीसरे स्थान पर रहने वाले को 10 हजार की इनामी रकम दी जाएगी। 5 किलोमीटर वर्ग के विजेताओं को 10 हजार, दूसरे स्थान पर रहने वाले को 7 हजार और तीसरे स्थान पर रहने वाले धावकों को 5 हजार की इनामी रकम दी जाएगी।
हॉफ मैराथन करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर होगी और देश में ऊंचाई पर होने वाली यह पहली हॉफ मैराथन है। हॉफ मैराथन हिमाचल प्रदेश के काजा-ताबो में होगी। लाहौल-स्पीति में स्थित काजा करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर है। इस हॉफ मैराथन में देश के चोटी के धावक हिस्सा लेंगे।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस हॉफ मैराथन के आयोजन में दिलचस्पी ली है। इसका आयोजन रोयोन सामाजिक संस्थान ने किया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहयोग से इसका आयोजन किया गया है। हॉफ मैराथन महिला व पुरुष दोनों वर्गों में आयोजित की गई है। हॉफ मैराथन के अलावा 10, 5 और 2.50 किलोमीटर की दौड़ भी होगी।
प्रदेश के कृषि व आईटी मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय इसके संरक्षक हैं। हॉफ मैराथन को हिमाचल प्रदेश पर्यटन, एचपीपीसीएल और एसजीवीएन का सहयोग भी मिला है। इनके अलावा सिटिअस भी हॉफ मैराथन के आयोजन का साझीदार है।
'रन टू ब्रीथ' का दूसरा संस्करण ताबो-काजा में आयोजित किया जा रहा है। रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि 2 साल पहले रोयोन ने हॉफ मैराथन का आयोजन ताबो में किया था। उसने स्थानीय प्रतिभाओं को आकर्षित किया था तथा हम चाहते हैं कि यह आयोजन और बड़े पैमाने पर हो ताकि खेल प्रतिभाओं का विकास तो हो ही, इलाके में पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ें। मलय सौरभ ने बताया कि हॉफ मैराथन की सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं और धावकों में इसे लेकर काफी उत्साह है और स्थानीय धावकों ने भी हॉफ मैराथन में दिलचस्पी दिखाई है। (वार्ता)