हनुमानजी को दलित बताए जाने और उन्हें राजनीति में घसीटने की अयोध्या के संतों की ने कड़ी निंदा की है और कहा है कि हनुमान के नाम पर राजनीति पूरी तरह निंदनीय है।
राम जन्मभूमि अयोध्या के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास का कहना है की हनुमान जी साक्षात शंकर जी के अवतार हैं और परम भक्त हैं। वे दलित नहीं देवता हैं। देवता के रूप में उनके भक्त उन्हें हैं, ऐसी स्थिति में उन्हें दलित या वनवासी कहना गलत है। चुनाव का प्रचार चाहे जिस रूप में करे, लेकिन ऐसी भाषा न बोलें देवताओ को लेकर, जिससे भक्तों को ठेस पहुंचे। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
अयोध्या के बड़े हनुमान जनकी घाट मंदिर के अधिकारी छवि राम ने कहा की हमारे जो भी आराध्य देवी देवता है, उनके नाम अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करना गलत है।
अयोध्या के जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत व रसिक पीठाधीश्वर महंत जनमेजय शरण का मानना है कि राजनीति के लिए किसी को कुछ भी बोल देना शास्त्र सम्मत नही है। हनुमानजी श्रीरामजी सबके आराध्य हैं। इस मानसिकता में हनुमानजी को आंकना दुखद है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान की चुनावी सभा में भाजपा के स्टार प्रचारक के और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने एक चुनावी सभा में हनुमान जी को वनवासी और दलित कह दिया था। इसके बाद में तो हनुमान को लेकर बयानों की छड़ी लग गई थी।