नासिक (महाराष्ट्र)। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे नीत सरकार 'वेंटिलेटर सपोर्ट' पर है और फरवरी तक गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर न्यायपालिका पर दबाव नहीं डाला गया तो 16 विधायक (शिंदे गुट जिसे बालासाहेबंची शिवसेना भी कहा जाता है) अयोग्य करार दिए जाएंगे।
पिछले साल जून में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और शिंदे गुटों में बंटने तथा दल-बदलरोधी कानूनों के तहत अयोग्यता की मांग से जुड़ा मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
शीर्ष अदालत 10 जनवरी को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिसमें शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध भी शामिल है। राउत ने कहा कि यह अवैध सरकार वेंटिलेटर सपोर्ट पर है और यह फरवरी नहीं देख पाएगी। अगर न्यायपालिका पर दबाव नहीं डाला गया तो (शिंदे गुट के) 16 विधायक जल्द ही अयोग्य करार दिए जाएंगे।
महाराष्ट्र सरकार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी शामिल है। राउत ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने विधानसभा के हालिया शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री और अब्दुल सत्तार सहित कई मंत्रियों का इस्तीफा मांगा था।
राज्यसभा सदस्य राउत ने दावा किया कि लेकिन राज्य सरकार चुप है। वह कहीं नहीं दिख रही। यह उसी तरह निष्क्रिय है, जैसे पानी में भैंस रहती है। राज्य सरकार में दो समूह हैं और हर कोई अपने-अपने मुद्दों पर उलझा हुआ है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के दादर में 'सेना भवन' (शिवसेना का मुख्यालय) के पास रैली आयोजित करने की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि सभा आयोजित करने की इच्छा रखने वाले किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने पार्टी की वार्षिक दशहरा रैलियों का संदर्भ देते हुए कहा कि शिवाजी पार्क में मनसे प्रमुख के घर के पास शिवसेना रैलियां करती है।
राउत ने कहा कि मनसे को राज्य सरकार के 'मित्रवत रवैए' के कारण बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) से अनुमति मिल जाएगी और इसलिए भी, क्योंकि रैली भाजपा प्रायोजित है। राउत ने कहा कि लेकिन हमें अनुमति नहीं मिलती है। हमें अनुमति लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, क्योंकि सरकार हमसे डरती है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta