करनाल (हरियाणा)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' 2024 के आम चुनाव में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की कवायद नहीं है। रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि पदयात्रा का चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने यह भी कहा कि गांधी ने यात्रा के दौरान 3 बड़े मुद्दों को उठाया है जिनमें आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक निरंकुशता शामिल हैं।
कांग्रेस महासचिव तथा पार्टी के संचार एवं मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने यहां एक सवाल के जवाब में कहा कि यह 'भारत जोड़ो यात्रा' राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के लिए नहीं निकाली गई है। यह एक वैचारिक यात्रा है जिसका मुख्य चेहरा राहुल गांधी हैं। यह किसी एक व्यक्ति की यात्रा नहीं है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कन्याकुमारी से कश्मीर' तक की पदयात्रा चुनावी यात्रा नहीं है, जो वर्तमान में हरियाणा के करनाल से गुजर रही है। रमेश ने कहा कि यह पूछना अनुचित है कि क्या विपक्षी पार्टी 2024 के आम चुनाव में गांधी को अपने प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश कर रही है। संवाददाता के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ना, ना, ना... हम नहीं कर रहे हैं, यह कोई चुनावी यात्रा नहीं है।
उन्होंने कहा कि 200 भारत यात्री हैं। यह कांग्रेस पार्टी की यात्रा है। पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हैं। निश्चित तौर पर, देश का ध्यान राहुल गांधी पर है क्योंकि वह यात्रा में सबसे ज्यादा दिख रहे हैं और वह एक प्रमुख चेहरा हैं। हालांकि यह किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं है, यह उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के लिए नहीं है।
रमेश के साथ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी थे। रमेश ने कहा कि यात्रा आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) से वैचारिक रूप से मुकाबला करने के लिए है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान 3 बड़े मुद्दे उठाए हैं- आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक निरंकुशता। वह इन मुद्दों को पदयात्रा के दौरान हर रोज होने वाले संवाद के दौरान और सभाओं में उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आपका यह सवाल पूछना अनुचित है कि क्या हम उन्हें प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश कर रहे हैं? हम नहीं कर रहे हैं। यह कोई चुनावी यात्रा नहीं है। रमेश ने कहा कि पदयात्रा कांग्रेस की विचारधारा व पार्टी संगठन को मजबूत करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व, उनके काम करने के तरीके, नीतियों, उत्पीड़न की राजनीति और प्रतिशोध की राजनीति से हो रहे 'नुकसान' के प्रति देश को जगाने के लिए है।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आपको 'भारत जोड़ो यात्रा' को सीमित करना चाहिए। इसे व्यक्तियों या चुनावों तक सीमित न करें, यात्रा बहुत उच्च स्तर पर काम कर रही है। पदयात्रा शनिवार सुबह करनाल से फिर शुरू हुई जिसमें सैकड़ों लोग गांधी के साथ उनकी यात्रा में शामिल हुए। यात्रा निकटवर्ती पानीपत से शुक्रवार को करनाल जिले में दाखिल हुई थी, जहां गांधी ने एक जनसभा को संबोधित किया था।
गुरुवार शाम को यात्रा ने उत्तरप्रदेश से हरियाणा में पुन: प्रवेश किया था। रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार को इसकी शुरुआत पानीपत के कुरार से हुई। पदयात्रा ने 21 दिसंबर से 23 दिसंबर तक हरियाणा में पहले चरण में नूंह, गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों से होते हुए 130 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की थी।
सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा 30 जनवरी तक गांधी द्वारा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ समाप्त होगी। मार्च अब तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा के 3 जिले (पहले चरण में), दिल्ली और उत्तरप्रदेश से होकर गुजरी है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta