चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 संक्रमण पर काफी हद तक अंकुश लगाने के बाद 2 अगस्त से सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मंजूरी के बाद कोविड की मौजूदा स्थिति के मद्देनज़र शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है।
राज्य के स्कूल शिक्षामंत्री विजय इंदर सिंगला ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मंजूरी के बाद कोविड की मौजूदा स्थिति के मद्देनज़र शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है।उन्होंने कहा कि स्कूलों में प्री-प्राइमरी से सीनियर सेकंडरी तक सभी कक्षाएं पहले की तरह (फिजिकल ढंग से) चलाईं जाएंगी तथा इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा कि स्कूल का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक रहेगा और बच्चों को स्कूल में भेजने से पहले माता-पिता को अपनी लिखित सहमति देनी होगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान अध्यापक केवल ऑनलाइन क्लासों के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ सम्पर्क में थे, लेकिन स्कूलों का फिर खुलना विद्यार्थियों की पढ़ाई के उचित मूल्यांकन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के मूल्यांकन के बाद अध्यापकों की तरफ से उन विषयों पर और ज्यादा ध्यान दिया जा सकेगा, जिनके लिए और ज्यादा ध्यान की ज़रूरत होगी। स्कूल दोबारा खुलने से अध्यापकों को प्रैक्टिकल विषयों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए प्रैक्टिकल कक्षाएं कराने का मौका भी मिलेगा।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्कूल प्रबंधकों को ये भी निर्देश दिए कि स्कूल के आसपास और कक्षाओं की उचित सफ़ाई सुनिश्चित करें और केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर कोविड-19 सम्बन्धी जारी किए गए दिशानिर्देशों और सुरक्षा नियमों का सख़्ती से पालन किया जाए।
उन्होंने कहा कि फिजिकल कक्षाएं लगाने की अनुमति देने से पहले शिक्षण और गैर शिक्षण स्टॉफ को कोविड टीके की दोनों ख़ुराक लगी होनी चाहिए। इसके अलावा स्कूलों में विद्यार्थियों की कोविड रैंडम जांच भी की जाए और स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव इसकी हर हफ्ते समीक्षा करेंगे।(वार्ता)