शिमला, हिमाचल प्रदेश के लाहौल -स्पीति में इस सप्ताह की शुरुआत में बादल फटने और भारी बारिश के बाद जगह-जगह भूस्खलन होने से 200 से अधिक लोग फंस गए हैं, जबकि शुक्रवार को तीन ट्रैकर लापता जा रहे हैं।
इसके साथ ही पोंटा साहिब में भूस्खलन होने के बाद एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद कर दिया गया।
आपदा प्रबंधन के निदेशक सुदेश कुमार मोखटा ने एक बयान में बताया कि फंसे हुए लोगों को निकाला नहीं जा सका, क्योंकि खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर चक्कर नहीं लगा पाए। उन्होंने कहा कि यदि मौसम ठीक रहता है तो हेलीकॉप्टर भेजने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
मोखटा ने बताया कि जिले के उदयपुर में फंसे 221 लोगों में 191 तो हिमाचल प्रदेश के हैं जबकि 30 सात अन्य राज्यों के लिए है।
फंसे लोगों में 13 पंजाब के, चार दिल्ली, तीन-तीन महाराष्ट्र एवं ओड़िशा के, दो-दो उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के तथा एक-एक झारखंड, कर्नाटक और लद्दाख के हैं। उसके अलावा 106 लोग हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के, 51 मंडी के, 12 चंबा के, नौ बिलासपुर के, पांच कांगड़ा के, तीन शिमला के और दो-दो सोलन एवं सिरमौर के एक एक हमीरपुर के हैं।
मोखटा ने बताया कि जिले में तीन ट्रैकर लापता भी हो गये तथा उनमें एक राजस्थान का था एवं बाकी दो के बारे में पता नहीं चल पाया है।
सिस्सु चेकपोस्ट से मिली सूचना के अनुसार राजस्थान के बीकानेर के निकुंज और उनके दो साथी सोमवार को घेपान पीक झील के ट्रैकिंग के लिए निकले थे और उन्हें 29 जुलाई को लौटना था लेकिन वे गंतव्य पर नहीं पहुंचे एवं उनकी तलाश शुरू की गयी है।
शुक्रवार को सिरमौर के पोंटा साहिब के बदवास में एक बड़ा भूस्खलन हुआ और एनएच 707 बंद कर दिया गया। वाहनों को उत्तराखंड के विकासनगर से जाने वाली सड़क पर भेज दिय गया है। (भाषा)