उदयपुर। कन्हैया लाल टेलर की हत्या के सुर्खियों में आए उदयपुर में एक बार फिर धारा 144 लगा दी गई है। प्रशासन के आदेश के मुताबिक शहर में बिना अनुमति के जुलूस और रैलियां नहीं की जा सकेंगी। इन ताजा प्रतिबंधों को लेकर कई कारण गिनाए जा रहे हैं। नूपुर शर्मा का समर्थन करने के चलते कन्हैया की मुस्लिम कट्टरपंथियों ने गला रेतकर हत्या कर दी।
जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने शहर में धारा 144 लगाने के आदेश 15 अगस्त की शाम को जारी किए हैं। इस आदेश के बाद उदयपुर में एक माह के लिए धारा 144 लागू रहेगी। इसके साथ ही सरकारी इमारतों पर झंडे और पोस्टर लगाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस समय धारा 144 लगाने का आखिर क्या औचित्य है।
बताया जा रहा है कि चूंकि शहर कन्हैयालाल की हत्या के बाद अशांत हो चुका है। ऐसे में प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है। पिछले दिनों विश्व आदिवासी दिवस पर महाराणा प्रताप को लेकर एक विवादित बयान सामने आया था। ऐसे में कहा जा रहा है कि राजपूत समाज इसके विरोध में सड़क पर उतर सकता है। शहर में छात्र संघ चुनाव भी होने वाले हैं। अत: कहीं भी बैनर-पोस्टर न लगाए जाएं, इसे ध्यान में रखकर धारा 144 लगाई गई है। (फाइल फोटो)