जम्मू। पुलवामा के नैना बटपोरा गांव में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच जारी मुठभेड़ में दोनों आतंकियों को मार गिराया गया है। एक मुठभेड़ की शुरुआत में ही मारा गया जबकि दूसरे को कुछ देर पहले मारा गया है। दूसरी ओर 3 दिन पहले सेना का जो जवान लापता हो गया था, उसका शव बडगाम में आज गुरुवार को मिला है।
नैना बटपोरा में मकान से निकल गांव की मस्जिद में छिपे इन आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज करने से पहले सुरक्षाबलों ने उन्हें आत्मसमर्पण करने का कई बार मौका दिया था। उन्हें मनाने के लिए गांव के मौलवी व बड़े-बुजुर्गों की भी मदद ली गई, परंतु आतंकियों ने हथियार डालने से मना कर दिया।
इसके बाद जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को तत्काल ढेर कर दिया जबकि दूसरा मस्जिद में छिप गया था जिसे बाद में मार गिराया गया। उसे आत्मसमर्पण करने को कहा गया था, पर उसने सुरक्षाधिकारियों की बात नहीं सुनी। पूरे इलाके में आवाजाही बंद कर दी गई थी। नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।
दरअसल पुलिस को नैना बटपोरा में कुछ संदिग्धों के एकत्र होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने मौके पर अभियान शुरू किया था। दूसरी ओर बडगाम जिले में गुरुवार को सेना के एक जवान का शव मिला है। यह जवान इस हफ्ते की शुरुआत से लापता बताया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि बडगाम के खाग इलाके में लोकीपोरा के निवासी समीर अहमद मल्ला (28) नजदीकी दलवाच इलाके में मृत पाए गए।
उन्होंने बताया कि सेना की 5 जेएकेएलआई इकाई में चालक के पद पर सेवा दे रहे मल्ला 7 मार्च से लापता थे। इससे पहले सैनिक की पत्नी रिफात ने आतंकियों से अपील की थी कि उसके पति को रिहा कर दिया जाए तो वह उससे सेना की नौकरी छुड़वा देगी। मारे गए जवान के घर 10 दिन पहले ही एक बेटे ने जन्म लिया था। उसी की खुशी मनाने वह जम्मू से कश्मीर अपने घर गया था। परिवार में बूढ़े मां-बाप तथा एक और बच्चा है।