शिमला। हिमाचल प्रदेश में धूप खिलने के बावजूद कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है तथा 5 जिलों में पारा जमाव बिंदु से नीचे चले जाने से प्राकृतिक जलस्रोत, नदियों की ऊपरी परत, झरने, तालाब और पाइपों में पानी तक जम गया है जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
सोलन और ऊना में प्रदेश की राजधानी शिमला से अधिक ठंड पड़ रही है लेकिन दिन में तापमान में कुछ सुधार हुआ है। राज्यभर में गुनगुनी धूप खिलने से दिन में मौसम सुहावना बना हुआ है। हालांकि रात के समय लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है।
ऊना और सोलन की रातें पहाड़ी क्षेत्रों शिमला व चंबा से भी ठंडी हैं। इसी तरह कांगड़ा और मंडी में भी रात के पारे में गिरावट दर्ज की जा रही है। ये शहर पहाड़ी की रानी शिमला से भी सर्द हैं। बुधवार को शिमला का न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस था जबकि सोलन में पारा शून्य से कम 0.8 डिग्री और ऊना में 2.0 डिग्री दर्ज किया गया।
इसी प्रकार जनजातीय जिले लाहौल स्पीति का मुख्यालय केलांग में न्यूनतम पारा शून्य से नीचे 5.6 डिग्री, किन्नौर के कल्पा में शून्य से कम 4.1 डिग्री, कुल्लू के मनाली और चंबा के डलहौजी में शून्य से कम 1.0 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह प्रदेश के अधिकतर जिलों में तापमान में गिरावट आई है। सुबह-शाम धुंध छाने से शीतलहर बढ़ गई है।
मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात बिलासपुर का न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री, हमीरपुर में 6.0 डिग्री, जबकि कुफरी, चंबा और मंडी का तापमान क्रमशः 2.0 डिग्री, 2.2 डिग्री व 3.0 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके इलावा सुंदरनगर में 0.6 डिग्री, भुंतर 0.7 डिग्री, धर्मशाला 1.2 डिग्री, नाहन 6.1 डिग्री, पालमपुर 1.0 डिग्री, कांगड़ा 1.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1 से 2 डिग्री कम रहे।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह ने बताया कि अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। 16 और 17 दिसंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में घना कोहरा पड़ने की आशंका जताई गई है जिससे दृश्यता विजिबिलिटी 500 मीटर से कम होगी और यातायात तथा ठंड से फसल पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। (वार्ता)