कानपुर। किसी ने सच कहा है कि समय से पहले कुछ भी नहीं होता है चाहे वह नौकरी हो, या शादी। यह कब, कैसे और कहां मिल जाए इसका भी भरोसा नहीं। ऐसा ही कुछ हुआ एक निवर्तमान पार्षद के साथ जिसे पर्चा दाखिल करने के एक दिन पहले ही शादी करना पड़ी। आइए आपको बताते हैं ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि पार्षदजी को पहले शादी करनी पड़ी और फिर अगले दिन जाकर नामांकन दाखिल करने पहुंचे।
दरअसल हुआ यूं कि परिसीमन के चलते इस बार नवाबगंज सीट आरक्षित हो गई और यहां से महिला प्रत्याशी ही चुनाव लड़ सकती थी। सीट बदलने के चलते निवर्तमान पार्षद राजकिशोर यादव की राजनीति पर विराम लगता दिखाई देने लगा। यही नहीं इसका फायदा उठाने के लिए विरोधी भी जोर शोर से प्रचार में जुट गए।
राजनीति में सब कुछ संभव है इसीलिए निवर्तमान पार्षद ने आनन-फानन में नेहा यादव के साथ शादी कर ली और दूसरे दिन नगर निगम नामांकन कराने पहुंच गए। यह देख उनके चाहने वालों ने पहले तो पार्षदजी को शादी की बधाई दी और मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से कहने लगे कि आखिर परिसीमन ने राजकिशोर भैया का घर तो बसा दिया।
राजकिशोर यादव ने बताया कि परिसीमन के चलते नवाबगंज सीट महिला को आरक्षित हो गई है। इसके चलते मैने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया लेकिन क्षेत्रीय लोगों के कहने पर शादी कर पत्नी का नामांकन कराया है।