पटना/हाजीपुर। जदयू में आज उस समय दरार और चौड़ी होती नजर आई जब पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने दावा किया कि असली पार्टी उनके साथ है। साथ ही भाजपा से हाथ मिलाने के नीतीश कुमार के फैसले को उन्होंने जनता के जनादेश से छल करार दिया। हालांकि जदयू कार्यकताओं ने इस दौरान शरद यादव से दूरी बनाने रखी।
महागठबंधन से नीतीश के अलग होने के बाद अपने पहले बिहार दौरे पर आए शरद यादव ने कहा कि उन 11 करोड़ लोगों का विश्वास टूटा है जिन्होंने बिहार में महागठबंधन सरकार बनाने के लिए जनादेश दिया था। उन्होंने कहा कि पांच साल गठबंधन चलने की सहमति थी जिसे तोड़ दिया गया। मैं इससे आहत हुआ हूं। मैं गठबंधन के साथ बना हुआ हूं।
यादव ने कहा कि महागठबंधन और भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए अलग अलग घोषणापत्र पेश किए थे। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि दो प्रतिद्वन्द्वी समूहों के दो घोषणापत्र आपस में मिल गए।
महागबंधन (जदयू—राजद—कांग्रेस) को मिले जनादेश को लेकर जनता से सीधे संवाद के लिए बिहार के अपने तीन दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे शरद ने कहा कि 11 करोड़ लोगों का जो विश्वास था मैं मानता हूं कि उस पर आघात हुआ है। उस पर चोट पहुंची है।
उन्होंने कहा कि जिस जनता ने गठबंधन बनाया था और जनता के साथ हमने करार किया था, वह इमान का करार था। वह टूटा है। आघात लगा है उसको और हमको भी इसकी बहुत तकलीफ है। यह पूछे जाने पर कि उनकी यह यात्रा क्या पार्टी विरोधी नहीं है, यादव ने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना नहीं चाहते। (भाषा)