मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि अगर महाराष्ट्र में अभी मध्यावधि चुनाव हुए तो उद्धव ठाकरे नीत पार्टी 100 से अधिक सीटें जीतेगी और दावा किया कि लोग बागी विधायकों से नाराज हैं। राउत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमला करते हुए कहा कि धनबल या केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से दबाव डालकर शिवसेना को 'हाईजैक' नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बागियों के खिलाफ गुस्से और पार्टी के पक्ष में उत्साह को देखते हुए हम कह सकते हैं कि अगर राज्य में आज मध्यावधि चुनाव होते हैं तो शिवसेना 100 से अधिक सीटें जीतेगी। अगर कोई विधायक पार्टी छोड़ता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि शिवसेना ने अपने मतदाता खो दिए हैं।
सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत जीतने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि भाजपा और उनके नेतृत्व वाली शिवसेना अगले विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतेगी और अगर ऐसा नहीं होता है तो वे फिर से खेती का काम करेंगे।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी भाजपा को महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव कराने की चुनौती दी थी। नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना मूल पार्टी है और अगर पार्टी के विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लिया जाता है तो उन्हें अपनी कानून की डिग्री वापस कर देनी चाहिए। नार्वेकर पेशे से वकील हैं।
शिंदे खेमे ने सोमवार को व्हिप जारी कर शिवसेना के सभी विधायकों को राज्य सरकार के पक्ष में वोट करने को कहा था। विश्वास मत जीतने के बाद शिंदे गुट ने सोमवार रात उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों को शिवसेना के मुख्य सचेतक और शिंदे के विश्वासपात्र भरत गोगावाले द्वारा जारी किए गए व्हिप का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया।
हालांकि नोटिस में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के सम्मान में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं किया गया है। राउत ने कहा कि यह एक कानूनी प्रक्रिया है। बाकी 14 भी बालासाहेब के शिवसैनिक और अनुयायी हैं। शिंदे खेमे में अब तक शामिल हुए 40 बागियों पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़ना चाहते हैं, वे सिर्फ बहाना तलाश रहे हैं।
विधानसभा में शिंदे के भाषण का जिक्र करते हुए राउत ने कहा कि राज्य के लिए अपने कार्यों को बताने के बजाय मुख्यमंत्री यही बताते रहे कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी? गौरतलब है कि विधानसभा में अपने भाषण में शिंदे ने शिवसेना में उनके साथ किए गए 'अनुचित बर्ताव' का जिक्र किया था।
राउत ने कहा कि नारायण राणे और छगन भुजबल जैसे लोगों ने पूर्व में शिवसेना के खिलाफ विद्रोह में जिस भाषा का इस्तेमाल किया था, शिंदे भी पार्टी से बाहर निकलने पर उसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। राउत ने कहा कि जब भी कोई नेता पार्टी छोड़ता है, पार्टी को धोखा देता है तो वह इसी तरह के तर्कों का इस्तेमाल करता है। वे सही हैं, इसे सही ठहराने के लिए उन्हें लोगों के साथ भावनात्मक संबंध बनाना होगा।